70 साल की हो चलीं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पिछले पखवाड़े दो बार अस्पताल में भर्ती हुईं और अब स्वास्थ लाभ ले रहीं हैं, लेकिन उनकी खराब सेहत का असर पार्टी पर पड़ता दिखाई देने लगा है. दूसरी पंक्ति के कांग्रेसी नेताओं को नहीं मालूम कि देश में चल रही राजनैतिक उठापटक पर उन्हे क्या बोलना है और क्या नहीं बोलना है, लिहाजा तमाम कांग्रेसी नेता असमंजस के चलते राहुल गांधी के बयानों को विस्तार देते मौजूदा मुद्दों पर रटी रटाई भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं.

देश की राजनीति में दो मुद्दे ही अहम हैं पहला कश्मीर समस्या और दूसरा सदावहार मुद्दा दलित हैं. जब राहुल गांधी आरएसएस को निशाने पर लेते उसके खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखने की बात कहते हैं तो अब कोई प्रतिक्रिया नहीं होती, उनकी तर्ज पर कांग्रेसी भी राहुल का कहा दोहरा देते हैं क्योंकि कांग्रेस के संविधान का एक अलिखित अनुच्छेद यह भी है कि जो राहुल सोनिया कह दें, उसे ही दोहराते रहना है.

दलितों से भाजपा की हमदर्दी दिखावा है राहुल का यह बयान भी वे रट्टू तोते की तरह दोहरा देते हैं. यानि जब तक सोनिया स्वस्थ होकर मैदान में नहीं आ जातीं तब तक यह दोहराव चलता रहेगा. इससे कांग्रेस को बड़ा नुकसान उत्तर प्रदेश में हो रहा है जहां पार्टी की अगुवाई करने वाले प्रदेश अध्यक्ष फिल्म अभिनेता राज बब्बर और मुख्यमंत्री पद की दावेदार शीला दीक्षित हाथों मे गुलदस्ता लिए अपनी बॉस की वापसी का इंतजार इतनी खामोशी से कर रहे हैं कि लगता है कि कांग्रेस वहां चुनाव लड़ने की रस्म भर अदा कर रही है.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...