छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्गज कांग्रेसी अजीत जोगी के कांग्रेस से अलग होकर नई पार्टी बनाने के एलान पर राजनीति मे दखल और दिलचस्पी रखने वालों को कोई खास हैरानी नहीं हुई है. उल्टे लोगों को हैरानी इस बात की हो रही थी कि जोगी कांग्रेस छोडने के लिए किस खास मुहूर्त का इंतजार कर रहे हैं या उनके मन में कहीं यह उम्मीद बाकी थी कि सोनिया गांधी की बेरुखी और अनदेखी उन्हें एक सबक सीखने भर की है.

2 जून को जब जोगी ने अलग पार्टी बनाने की घोषणा की, तो रायपुर के कांग्रेस कार्यालय मे आतिशबाजी की गई और कांग्रेसियों ने एक दूसरे के मुंह भी मीठे कराये. इससे सहज समझा जा सकता है छत्तीसगढ़ कांग्रेस उन्हें लेकर किस तरह आजिज़ थी. एक जमाने मे बगैर सोनिया गांधी का फोटो देखे दिन की शुरुआत न करने वाले जोगी की बगावत की वजह सोनिया की अनदेखी और प्रदेश कांग्रेस मुखिया भूपेश बघेल से मरने मारने की हद तक बढ़ गई दुश्मनी है.

गौरतलब है कि अब से कोई 4 महीने पहले एक औडियो टेप उजागर हुआ था, जिसमे अजीत जोगी का विधायक बेटा अमित जोगी मुख्यमंत्री रमन सिंह के दामाद से एक उपचुनाव के बाबत सौदेबाजी कर रहा था. प्रदेश कांग्रेस ने इसकी शिकायत आलाकमान से की तो अमित को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया, वैसे भी जोगी रमन सिंह के मिठास भरे रिश्ते हमेशा ही चर्चाओं मे रहे हैं. बेटे का निष्कासन रुकवाने जोगी ने सोनिया और राहुल से गुहार लगाई, लेकिन कोई असर नहीं हुआ तो आखिरकार जोगी ने वही फैसला लिया, जो अब तक दिग्गज असंतुष्ट कांग्रेसी लेते रहे हैं, वह है एक अलग पार्टी बनाने का.

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