32 करोड़ रुपए का एक और धान घोटाला सामने आया है. कांग्रेस नेता मोहम्मद अकबर का मानना है कि रायगढ़ जिले के धान खरीदी केंद्रों में साल 2012-13, 2013-14 व 2014-15 के दौरान यह घोटाला हुआ. घोटाले में बडे़ लेवल के लोग शामिल हैं, लेकिन छोटे मुलाजिमों व अफसरों को ही जिम्मेदार ठहरा कर जांच की खानापूरी की जा रही है. उन्होंने पूरे मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की मांग की है. उल्लेखनीय है कि तकरीबन 2-3 महीने पहले उन्होंने बलौदा बाजार व भाटापारा जिले में तकरीबन 30 करोड़ रुपए का धान घोटाला उजागर किया था. पंजीयक सहकारी संस्थाओं ने इस मामले में फंसे संबंधित अधिकारियों से वसूली के निर्देश जारी कर दिए हैं.

कांग्रेस नेता मोहम्मद अकबर ने उपपंजीयक सहकारी संस्थाएं, रायगढ़ द्वारा पंजीयक सहकारी संस्थाएं, रायपुर को सौंपी गई रिपोर्ट के दस्तावेज जारी किए. रिपोर्ट के मुताबिक, रायगढ़ जिले में 32 करोड़, 17 लाख रुपए का धान घोटाला हो चुका है. इस में यह भी बताया गया है कि धान संग्रहण केंद्र, लोहर सिंह में साल 2012-13, 2013-14 व 2014-15 में धान व बारदाना में 11 करोड़, 61 लाख रुपए तक का नुकसान हुआ.

रिपोर्ट में धान संग्रहण केंद्र, लोहर सिंह के संग्रहण केंद्र प्रभारी व जिला विपणन अधिकारी को जिम्मेदार ठहराया गया. रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि धान संग्रहण हरदी यानी हवाई पट्टी, सारंगढ़ में साल 2013-14 में कुल 20 करोड़, 56 लाख रुपए के धान की कमी कर नुकसान पहुंचाया गया है. इधर कांग्रेस नेता मोहम्मद अकबर ने सत्ता पक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि करोड़ों रुपए का धान घोटाला करने वाले सत्ता पक्ष के लोगों को रमन सरकार बचाने में लगी है, जिस के चलते सैकड़ों करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है. उन्होंने कबूला कि ऐसे घोटाले करने से घोटालेबाजों के हौसले बुलंद हैं, क्योंकि किसी भी जिले में घोटाले की वसूली के लिए सरकार ने जानबूझ कर ध्यान नहीं दिया.

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