मध्य प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी की जमीन अब सिमटने लगी है. यह कई लिहाज से चिंता की बात है. दलित वोट लगातार भाजपा खेमे में खिसक रहे हैं और बसपा के जलसों में उलझे नेता भाजपा की चालों को कतई संजीदगी से नहीं ले पा रहे हैं. एक जलसे में बसपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व सांसद राजाराम भोपाल आए, तो उम्मीद थी कि वे दलितों के हितों की बात करेंगे, पर वे बसपा के संस्थापक कांशीराम को ‘भारत रत्न’ दिए जाने की मांग कर चलते बने, तो साफ लगा कि राज्य में पार्टी सिर्फ नाम के लिए चल रही है. 14 अप्रैल को ‘अंबेडकर जयंती’ पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को महू में एक खास मकसद से बुला रहे हैं कि प्रधानमंत्री दलितों के लिए ताबड़तोड़ ऐलान करें और दलित भाजपा के पाले में बने रहें.

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