भारतीय जनता पार्टी की 2 दिन की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद शहर में हुई. राष्ट्रीय कार्यकारिणी की यह बैठक केवल बैठक भर नहीं थी. केन्द्र सरकार के जलवों की शानदार नुमाइश थी. इसके सहारे भाजपा ने उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनावों के प्रचार अभियान की शुरूआत की. भाजपा ने अपनी 2 साल की उपलब्धियों का प्रचार प्रसार किया. कार्यकर्ताओं से पार्टी ने अपील की कि उत्तर प्रदेश में सत्ता का 14 साल का वनवास पूरा हो चुका है. भाजपा ने उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के बजाय समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी को निशाने पर लेते यह संदेश दिया कि जिस तरह से देश को कांग्रेस मुक्त किया गया, वैसे ही उत्तर प्रदेश को सपा-बसपा मुक्त करना है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनावी जीत का पाठ पढाया.

भाजपा के नेता और प्रदेश के लोगों को उम्मीद थी कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद भाजपा उत्तर प्रदेश में उस चेहरे को सामने लायेगी जिसके सहारे उसे चुनावी वैतरणी पार करनी है. पार्टी में गुटबाजी को देखते हुये उत्तर प्रदेश के लिये किसी चेहरे को आगे नहीं किया गया. उम्मीद की जा रही थी कि गृह मंत्री राजनाथ सिंह को चुनावी कमान सौंपी जा सकती है. अंतिम समय में इसको टाल दिया गया. प्रधानमंत्री ने राजनाथ सिंह को प्रदेश की आन बान और शान बताया. पार्टी ने यह साफ किया कि उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई और केन्द्र सरकार की उपलब्धियों पर ही लडे जायेंगे.

संगम नगरी इलाहाबाद का जिक्र हो और गंगा का नाम न लिया जाये, यह संभव नहीं है. भाजपा ने गंगा के महत्व को धर्म से जोडने के लिये ही राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के लिये इलाहाबाद का चुनाव किया था. जिस तरह से भाजपा के केन्द्रीय मंत्रियों और दूसरे नेताओं ने संगम तट पर गंगा में डुबकी लगाई, आचमन किया उससे यह बात और भी साफ होकर सामने आई. जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती ने कहा ‘गंगा पूरी तरह से साफ और स्वच्छ है. बचा हुआ काम भी जल्द पूरा होगा. केन्द्र सरकार इसके लिये पूरी तरह से प्रतिबद्व है’.

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