केंद्र की मोदी सरकार का तीन साल का कार्यकाल पूरा होने वाला है और सरकार इन तीन वर्षों के दौरान हासिल की गई उपलब्धियों का जमकर बखान करने की तैयारी में है. इन सब के बीच सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला की एक कहानी इन दिनों फिर से सुर्खियों में है.

यह कहानी 2014 में अंग्रेजी अखबार 'द हिंदू' में छपी थी, जिसे आजकल फिर से सोशल मीडिया पर खूब शेयर किया जा रहा है. इस कहानी में मोदी और वाघेला की करीब 26 साल पहले की एक 'रेल यात्रा' का जिक्र है. इंडियन रेलवे (ट्रैफिक) सर्विस की वरिष्ठ अधिकारी लीना शर्मा ने एक अंग्रेजी अखबार में लिखे एक लेख में अपनी 90 की दशक की अहमदाबाद यात्रा का जिक्र करते हुए लिखा था…

मैं और मेरी दोस्त ट्रेन द्वारा लखनऊ से दिल्ली जा रहे थे. दो सांसद भी उसी बोगी में यात्रा कर रहे थे. सब कुछ तो ठीक था लेकिन उनके साथ यात्रा कर रहे 12 लोग जो बिना टिकट के थे, उनका व्यवहार बड़ा खौफनाक था. उन्होंने हमें हमारी सीट से उठने पर मजबूर कर दिया और वहां बैठकर अपना सामान रखकर वो अश्लील कमेंट करने लगे.

हमें गुस्सा भी आ रहा था और डर भी लग रहा था. यह एक भयावह रात थी हमें समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें? ऐसा लग रहा था कि सभी यात्री गायब से हो गए हैं. किसी तरह हम अगली सुबह दिल्ली पहुंच गए. फिर हमें अहमदाबाद जाना था लेकिन हम भावनात्मक रूप से कमजोर हो गए थे. मेरी दोस्त को गहरा आघात लगा था और उसने निर्णय कर लिया था कि वह अब अहमदाबाद नहीं जाएगी और दिल्ली ही रहेगी. मैंने निर्णय ले लिया कि मैं जाऊंगी और एक अन्य बैचमेट (उत्पलप्रना हजारिका, जो रेलवे बोर्ड में अभी एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर हैं) मेरे साथ हो गई थी. हम रात को अहमदाबाद की ट्रेन में सवार हो गए और इस बार हमारे पास टिकट नहीं था क्योंकि हमारे पास इतना समय नहीं था कि हम टिकट खरीद सके. हम प्रतीक्षा सूची में थे.

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