बेटी को ले कर मां उस के बचपन से ही ओवर प्रोटैक्टिव होती है. मां नहीं चाहती जो परेशानी उस ने झेली, वह उस की बेटी भी झेले. यही कारण है कभी प्यार तो कभी डांट के जरिए वह बेटी को अपनी बात समझाती है. इस अनमोल रिश्ते की अहमियत मांबेटी दोनों को समझनी चाहिए.
बेटी को ले कर मां उस के बचपन से ही ओवर प्रोटैक्टिव होती है. मां नहीं चाहती जो परेशानी उस ने झेली, वह उस की बेटी भी झेले. यही कारण है कभी प्यार तो कभी डांट के जरिए वह बेटी को अपनी बात समझाती है. इस अनमोल रिश्ते की अहमियत मांबेटी दोनों को समझनी चाहिए.