सिगरेट, शराब, हुक्का, बीड़ी आदि नशे पुरुषों के व्यसन माने जाते हैं. घर, औफिस या दूसरी सार्वजनिक जगहों पर कोई पुरुष धूम्रपान करता दिखे या शादी, पार्टी में शराब का सेवन करे तो भी कोई बड़ी बात नहीं होती. लेकिन अगर यही काम एक युवती करे तो लोगों की सवालिया नजरें उस की ओर उठ जाती हैं. वे उस पर लूजकैरेक्टर का टैग तक लगा देते हैं.

अगर सिगरेटशराब पीने वाली युवती कहीं बाहर नजर आए तो लोग आजकल के बुरे जमाने और उस की परवरिश को कोस कर आगे बढ़ जाते हैं, लेकिन तब क्या होगा जब ऐसी ही कोई युवती आप के घर में बहू बन कर आ जाए? यह कल्पना करते ही खिसक गई न पैरों तले की जमीन.

सामाजिक मर्यादाओं को अपने कंधों पर ढो कर चलने वाले मध्यवर्गीय परिवार के लिए यह बहुत बड़ा आघात साबित होगा. खासकर घर की पुरानी पीढ़ी के लिए. बडे़ घरों में बहुत सी बातें छिपी रहती हैं, क्योंकि सभी अपने कामों में व्यस्त रहते हैं.

सविता एक सामान्य गृहिणी थी. उस का जीवन परिवार और बच्चों की देखरेख में ही समर्पित था. जब बेटे के विवाह की बारी आई तो उस की आंखों में एक ऐसी बहू के सपने थे जो संस्कारी व परिवार का खयाल रखने वाली हो. साथ ही पढ़ीलिखी भी हो जो उन के बेटे के स्टेटस को मैच करे. ऐसी ही एक लड़की देख उन्होंने बेटे की शादी तय कर दी. बेटे को भी लड़की पसंद थी.

शादी के हफ्तेभर पहले उत्सुकतावश सविता की एक सहेली ने होने वाली बहू का फेसबुक प्रोफाइल चैक कर लिया. उस पर उस के दर्जनों ऐसे फोटो थे जिन में वह पब, डिस्को में दोस्तों के साथ हाथों में जाम और सिगरेट लिए पार्टी कर रही थी. सहेली ने सविता को फोन कर सारी जानकारी देते हुए तंज कसा, ‘‘बड़ी मौडर्न बहू पसंद की है तुम ने सविता. खूब जमेगी जब मिल बैठेंगी दो दीवानी.’’

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