मीना कुमारी के मुरीदों की आज भी कमी नहीं है. उन्हीं में से एक हैं, दिल्ली में पलीबढ़ी और फिल्म व टीवी के माध्यम से शोहरत बटोरने वाली अभिनेत्री रूबी एस सैनी. वे बचपन से मीना कुमारी की फिल्में देखती आई हैं. वे अब बतौर लेखक, निर्माता, निर्देशक, कौस्ट्यूम डिजाइनर व अभिनेत्री रंगमंच पर एक अनूठा नाटक ‘एक तनहा चांद’ ले कर आई हैं. रूबी की जिंदगी के बारे में शांतिस्वरूप त्रिपाठी ने उन से बातचीत की. पेश हैं खास अंश.

आप अपनी अब तक की अभिनय यात्रा को ले कर क्या कहेंगी?

मेरी शिक्षादीक्षा दिल्ली के मध्यमवर्गीय परिवार में हुई. मेरी मम्मी को मीना कुमारी की फिल्में बहुत पसंद थीं. इसलिए धीरेधीरे मैं भी भावनात्मक स्तर पर मीना कुमारी से जुड़ती चली गई. जब अभिनय के क्षेत्र में कदम रखा तो मुझे लगा कि मीना कुमारी पर कुछ करना चाहिए. लेकिन उस से पहले मैं ने दिल्ली में रहते हुए दूरदर्शन के कई सीरियलों में अभिनय किया. फिर 2007 में मैं मुंबई आ गई जहां मुझे सब से पहले जेडी मजीठिया के सीरियल ‘चलती का नाम गड्डी’ में सुहासिनी मुले और रवि गोसांई के साथ परिवार की बहू कुलदीप का किरदार निभाने को मिला. इस सीरियल से मुझे काफी शोहरत मिली. फिर जेडी मजीठिया ने मुझे अपनी फिल्म ‘खिचड़ी’ में अभिनय करने का मौका दिया.

उस के बाद कई फिल्मों में काम किया. अनूप जलोटा की शीघ्र प्रदर्शित होने वाली, आतंकवाद पर आधारित फिल्म ‘मकसद द प्लान’ की है. सीरियल तारक मेहता का ‘उलटा चश्मा’ के अलावा ‘यू ट्यूब’ पर मेरा खुद का चैनल चल रहा है. इस की स्क्रिप्ट भी मैं खुद ही लिखती हूं. अब थिएटर जगत में बतौर निर्माता, निर्देशक, लेखक, कौस्ट्यूम डिजाइनर व अभिनेत्री एक नाटक ‘एक तनहा चांद’ कर रही हूं. इस में मीना कुमारी का मुख्य किरदार मैं खुद ही निभा रही हूं.

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