हर बड़ा कलाकार हमेशा सफल व स्थापित निर्देशक के साथ ही फिल्में करना पसंद करता है. मगर बॉलीवुड में सुपर स्टारडम हासिल करने वाली एकमात्र अदाकारा श्रीदेवी ने सात जुलाई को प्रदर्शित हो रही अपने करियर की तीन सौ वीं फिल्म ‘‘मॉम’’ में निर्देशक रवि उध्यावर के साथ काम किया है. जिनकी बतौर निर्देशक यह पहली फिल्म है. इससे हर कोई आश्चर्य चकित है.

श्रीदेवी की शीर्ष भूमिका वाली फिल्म ‘‘मॉम’’ का निर्देशन कर फीचर फिल्म निर्देशक के रूप में करियर शुरू करने वाले रवि उध्यावर पिछले 22 वर्षों से कमर्शियल यानी कि एड फिल्में निर्देशित करते आए हैं. उन्होंने सलमान खान, रणबीर कपूर और दीपिका पादुकोण सहित कई दिग्गज कलाकारों को अपनी एड फिल्म में निर्देशित किया है. दीपिका पादुकोण और उनका पूरा परिवार तो रवि उध्यावर का प्रशंसक है. दीपिका पादुकोण अपनी हर एड फिल्म के निर्देशन के लिए रवि उध्यावर का ही नाम लेती हैं. मगर श्री देवी जैसी अदाकारा अपने करियर की 300 वीं जैसी अहम फिल्म के निर्देशक के तौर पर रवि उध्यावर को स्वीकार कर लें, यह रवि की अपनी प्रतिभा की कद्र ही है. यही सच है. फिल्म ‘‘मॉम’’ के निर्माता बोनी कपूर स्वयं रवि उध्यावर की एड फिल्में देखकर प्रभावित हुए और उन्हें बुलाकर अपने साथ काम करने का प्रस्ताव दिया. पर बोनी कपूर की शर्त थी कि कहानी श्री देवी को पसंद आनी चाहिए.

बोनी कपूर की शर्त जानकर रवि उध्यावर ने दो वर्ष तक फिल्म की कहानी व पटकथा पर अपने सह लेखक के साथ काम किया. उसके बाद सबसे पहले केरला जाकर अपनी मां को कहानी सुनायी. जब उनकी मां कहानी सुनते-सुनते रो पड़ी और कहा कि यह कहानी सभी को पसंद आएगी. तब उन्होंने वह कहानी श्री देवी को सुनायी.

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