मूलतः पंजाबी तापसी पन्नू ने अपने अभिनय करियर की शुरुआत दक्षिण भारत की फिल्मों से की. उन्हे दक्षिण में स्टार कलाकार माना जाता है. सिनेमा के बदलते रूप के साथ ही अब तापसी पन्नू ने तेलगू फिल्मों में नकारात्मक किरदार निभाने शुरू कर दिए हैं. तो दूसरी तरफ फिल्म ‘‘पिंक’’ की सफलता के साथ ही अब वह हिंदी फिल्मों में भी चर्चा का केंद्र बन गयी हैं. चर्चाएं हो रही हैं कि तापसी पन्नू अब ‘पिंक’ के तेलगू रीमेक में भी अभिनय कर रही हैं. मगर खुद तापसी इस बात से इंकार करती हैं.

फिल्म ‘‘पिंक’’ में अभिनय करने के बाद आप देश की लड़कियों से क्या कहना चाहेंगी?

- मैं हर लड़की को क्राव मागा जैसे मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग लेने की सलाह दूंगी. क्राव मागा सीख चुकी लड़की पुरुषों की तरह शारीरिक रूप से सशक्त न होने पर भी पुरुषों से अपने आपको बचा सकती है. क्योंकि क्राव मागा में कुछ तकनीक ऐसी है कि सामने वाला पुरुष चाहे जिस कद का हो और चाहे जितना स्ट्रांग हो, उसे परास्त किया जाना आसान है.

दक्षिण भारत खासकर तेलगू सिनेमा करने के अनुभव क्या रहे?

- बहुत अच्छे. मैंने बहुत इज्जत पायी. तेलगू सिनेमा आपको खत्म नहीं करता. वह आपको बिगाड़ते भी हैं. वह आपके साथ रानी जैसा व्यवहार करते हैं. आप जैसे ही अपनी वैनिटी वैन से बाहर निकलते हैं, वह खड़े हो जाते हैं और जब तक आप वहां से चले नहीं जाते, वह बैठते नहीं है. वह आपको बहुत सम्मान देते हैं. वहां जो अपनापन मिलता है, उसकी कमी मुझे बॉलीवुड में खलती है.

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