अघोरियों पर बनायी गयी डाक्यूमेंट्री फिल्म ‘‘बेली आफ द तंत्र’’ से अंतरराष्ट्रीय ख्याति बटोरने वाले तथा कोलंबिया विश्वविद्यालय के गेस्ट लेक्चरर फिल्मकार पंकज पुरोहित ने आज जो पहचान हासिल की है, उसके पीछे अनूठी कहानी है.

खुद पंकज पुरोहित बताते हैं-‘‘बचपन में राज कपूर की फिल्म ‘राम तेरी गंगा मैली’ देखकर मेरे बालमन में सिनेमा का भाव जागृत हुआ था. युवावस्था में पहॅुचते ही शाहरुख खान की रोमांटिक अंदाज ने मुझे ऐसा दीवाना बनाया कि मैं छत्तीसगढ़ के कोरबा शहर को छोड़कर मुंबई पहुंच गया. मुंबई में मुझे अपने अंदर कमियां नजर आयी. तब 2001 में खैरागढ़ और बनारस जाकर शास्त्रीय संगीत की तालीम हासिल की. फिर मुंबई आकर तनूजा चंद्रा के साथ बतौर सहायक निर्देशक काम करना शुरू किया, लेकिन यह फिल्म बनी ही नहीं. निराश होकर 2003 में मैं अमेरिका चला गया. अमेराका में कई इंस्टीट्यूट से शिक्षा हासिल कर फिल्म मेकिंग की हर विधा में खुद को पारंगत किया. हालीवुड फिल्मों में बतौर सहायक निर्माण अधिकारी के रूप में काम किया.

2006 में अपने मित्र जेरमी वीवर के साथ मिलकर ‘‘आनवर्ड इंटरटेनमेंट’’ कंपनी स्थापित कर ‘‘ट्वाईलट ग्रेस’’ और ‘‘न्यू मियांक’’ जैसी फिल्मों का निर्माण किया. पर मुझे अपने वतन की याद आ रही थी. इसलिए 2010 में भारत वापस आकर मैंने अघोरियों पर एक डाक्यूमेंट्री फिल्म ‘बेली आफ द तंत्र’ का निर्माण व निर्देशन किया, जिसने मुझे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जबरदस्त शोहरत दिलायी. इस डाक्यूमेंट्री का निर्माण करने के लिए मैं साल भर तक बनारस, काठमांडू, कामाख्या, असम, महेश्वर, तारापीठ कोलकाता भटकता रहा. इस फिल्म की वजह से मिली शोहरत ने ही मुझे कोलंबिया यूनिवर्सिटी में ‘गेस्ट लेक्चरर’ के रूप में नियुक्ति मिल गयी. अब मैं अपनी नई चर्चित फिल्म ‘सडन क्राय’ को अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में भेजने की तैयारी में लगा हुआ हॅूं.’’ फिल्म ‘‘सडन क्राय’’ में बाल वेश्यावृत्ति से जुड़े अपराधों का चित्रण है. इतना ही नहीं पकज पुरोहित इन दिनों बड़े कलाकारो को लेकर होमो सेक्सुआलिटी पर भी एक फिल्म बनाने की तैयारी कर रहे हैं.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...