बचपन से ही ऐक्टिंग करने का शौक रखने वाली सैयामी खेर नासिक की रहने वाली हैं. उन्होंने तेलुगु फिल्मों से अपना ऐक्टिंग कैरियर शुरू किया और ‘मिर्ज्या’ उन की पहली हिंदी फिल्म है. सैयामी खेर की दादी उषाकिरण पुराने जमाने की हीरोइन रह चुकी हैं. उन की बूआ तन्वी आजमी हैं. हालांकि उन के पिता एक मौडल रह चुके हैं और उन की मां ‘मिस इंडिया’ रह चुकी हैं, पर वे सब सैयामी खेर को फिल्मी चकाचौंध से दूर रखना चाहते थे, इसलिए वे नासिक में रहे, लेकिन सैयामी को अदाकारी विरासत में मिली है.

खेलों में दिलचस्पी रखने वाली सैयामी खेर को पता नहीं था कि वे हिंदी फिल्मों में इतने बडे़ बैनर तले काम करेंगी. पेश हैं, उन से हुई बातचीत के खास अंश:

आप का फिल्मों में कैसे आना हुआ?

मैं नासिक की रहने वाली हूं. मुझे पहाड़ों पर जाना और क्रिकेट खेलना पसंद था. मेरी पढ़ाईलिखाई मुंबई में हुई. कालेज के दौरान मैं हमेशा थिएटर में भी भाग लेती थी. इस के अलावा नादिरा बब्बर के साथ ‘एकजुट’ थिएटर ग्रुप में भी काम किया. मैं ने बहुत सारे इश्तिहारों में भी काम किया. इस तरह मैं ऐक्टिंग की तरफ मुड़ी. मुझे पहले तेलुगु फिल्म मिली और अब हिंदी.

आप को हिंदी फिल्म ‘मिर्ज्या’ का औफर कैसे मिला?

इस फिल्म के आडिशन देने के 6 महीने बाद पता चला कि मुझे यह फिल्म मिली है. इस दौरान डायरैक्टर राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने मुझे दिल्ली में 3 महीने की घुड़सवारी सीखने के लिए भेजा था.

हर्षवर्धन कपूर के साथ काम करने का तजरबा कैसा रहा?

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