टैलीविजन से कैरियर की शुरुआत करने वाले अभिनेता इरफान खान ने फिल्म ‘सलाम बौंबे’ में एक छोटी सी भूमिका से अपना फिल्मी सफर शुरू किया था. इस के बाद उन्होंने कई फिल्मों में छोटेबड़े किरदारों को निभाया पर असली पहचान उन्हें ‘मकबूल’, ‘रोग’, ‘लाइफ इन ए मैट्रो’, ‘स्लमडौग मिलेनियर’, ‘पान सिंह तोमर’, ‘लंच बौक्स’ आदि फिल्मों से मिली. फिल्म ‘पान सिंह तोमर’ के लिए उन्हें पद्मश्री सम्मान मिल चुका है. दर्शक ऐसा मानते हैं कि वे अपनी आंखों से ही पूरा अभिनय कर देते हैं. यही वजह है कि लीक से हट कर भी उन की फिल्में सफल होती हैं और दर्शकों को रियलिस्टिक फिल्म देखने को मिलती है.

इरफान खान जयपुर के मुसलिम परिवार से हैं. जब वे एमए की पढ़ाई कर रहे थे तब उन्हें नैशनल स्कूल औफ ड्रामा में स्कौलरशिप मिल चुकी थी. जयपुर से दिल्ली पहुंच कर उन्होंने अभिनय की बारीकियां तो सीखीं, पर फिल्मों में काम मिलना आसान नहीं था. वे मुंबई आए और टीवी का दामन पकड़ा और फिर आगे बढ़े. संघर्ष से वे घबराए नहीं, क्योंकि हीरो बनना उन का लक्ष्य था. उन की इस कामयाबी में वे अपने परिवार का हाथ मानते हैं जिस में वे अपनी पत्नी सुतपा सिकदर को अहम बताते हैं. सुतपा भी एनएसडी की पढ़ी हुई हैं. दोनों वहीं मिले थे. इरफान के 2 बच्चे बाबिल और अयान हैं. इन दिनों इरफान अपनी अगली फिल्म ‘मदारी’ को ले कर चर्चा में हैं. जिस की ‘वन लाइन’ स्टोरी सुतपा की ही है, जिसे बाद में निर्देशक निशिकांत कामत ने डैवलप किया. यह एक थ्रिलर फिल्म है. उन से बात करना रोचक था. पेश हैं अंश:

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