एक निजी टीवी चैनल पर प्रसारित ‘एफआईआर’ धारावाहिक में चंद्रमुखी चौटाला का दबंग किरदार निभाने वाली अभिनेत्री कविता कौशिक ने अपने कैरियर की शुरुआत ‘कुटुंब’ धारावाहिक से की थी. मुंबई आने से पहले कविता कालेज के दिनों में दिल्ली में मौडलिंग, एंकरिंग और इवैंट होस्ट किया करती थीं. वर्ष 2001 में वे ‘कुटुंब’ धारावाहिक के औडिशन के लिए मुंबई आईं. इस के बाद ‘कहानी घरघर की’, ‘कुमकुम’, ‘सीआईडी’ आदि कई धारावाहिकों में काम किया.
स्वभाव से दृढ़, धैर्यवान और हंसमुख कविता ने कई धारावाहिकों में काम किया पर ‘एफआईआर’ उन के जीवन का टर्निंग पौइंट था. लगातार 8 साल एक ही किरदार की भूमिका करते हुए उन्होंने ‘एफआईआर’ छोड़ ‘तोता वैड्स मैना’ नामक धारावाहिक में सीधीसादी लड़की मैना की भूमिका निभाई पर वह ज्यादा नहीं चला. वे फिर पुराने धारावाहिक ‘एफआईआर’ में वापस लौट चुकी हैं. पेश हैं उन से हुई बातचीत के अंश.
 
वापसी की वजह क्या है?
मैं ने धारावाहिक ‘तोता वैड्स मैना’ के दौरान ‘एफआईआर’ सीरियल छोड़ा था, क्योंकि दोनों एकसाथ करना मुश्किल हो रहा था. जब वह बंद हो गया तो चैनल ने मु?ो वापस बुलाया क्योंकि लोग मेरे अभिनय को पसंद करते हैं. इस बार चंद्रमुखी के कुछ और नए रूप दिखाए जाएंगे.
 
‘एफआईआर’ की लोकप्रियता की वजह इस में आप की बोली का हरियाणवी टच है. आप ने हरियाणवी कहां से सीखी?
हरियाणवी भाषा मैं ने अपने पिता से सीखी. दिल्ली पुलिस में काम करने वाले मेरे पिता को कई भाषाओं की अच्छी जानकारी थी. उन की संगत में मैं ने यह भाषा सीखी.
 
आप ने फिल्मों में काम करने के बारे में कभी सोचा?
मैं धारावाहिक ‘एफआईआर’ को फिल्म से बड़ा मानती हूं. इसे देखने वाले करोड़ों दर्शक हैं. इस से मु?ो नाम, शोहरत, पैसा सबकुछ मिला है. आज मेरा पूरा परिवार मुंबई शिफ्ट हो चुका है. मैं ने 2 फ्लैट खरीदे हैं. मु?ो और अधिक इच्छा नहीं है. और फिर मैं फिल्मों में ‘बिकनी’ नहीं पहन सकती.
 
आप का नाम कई लोगों के साथ जुड़ा, पर आप ने अभी तक शादी नहीं की?
नाम तो जुड़ते रहते हैं पर अभी तक शादी लायक कोई नहीं मिला. मेरी जिंदगी में हर काम अचानक होते हैं. शादी कर के कभी किसी लड़की का भला हुआ है क्या? पुरुष लड़कियों को ऐश की वस्तु सम?ाते हैं. मैं अपना जीवन अपने तरीके से जीना पसंद करती हूं.
 
आप के सपनों का राजकुमार कैसा होना चाहिए?
मैं चाहती हूं कि वह मेहनती व अपने काम के प्रति फोकस्ड हो.
 
रील लाइफ और रियल लाइफ में आप सामंजस्य कैसे बनाती हैं?
‘एफआईआर’ में मेरी जो चंद्रमुखी की भूमिका है उसे करने में बहुत एनर्जी लगती है. रोज 12 घंटे उसी भूमिका में जीना मुश्किल होता है. उस की बौडी लैंग्वेज अलग है. रियल लाइफ में मेरी इंगलिश स्ट्रौंग है, जबकि चंद्रमुखी टूटीफूटी अंगरेजी बोलती है. लेकिन इतने साल तक काम करने के बाद अब उतनी परेशानी नहीं होती.
 
आप कितनी फैशनेबल हैं?
मैं अवसर के आधार पर फैशन करती हूं. मैं अधिक फैशनेबल नहीं हूं पर जितना जरूरी है उतना अवश्य करती हूं.

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