निर्देशक महेश भट्ट को प्रेरणा स्रोत मानने वाले फिल्मकार अनुराग कश्यप ने फिल्म ‘गैंग औफ वासेपुर’ से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अलग पहचान बनाई थी. उस के बाद से वे अपनी हर फिल्म को अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोहों को ध्यान में रख कर ही गढ़ते हैं. कई अंतर्राष्ट्रीय फिल्मोत्सवों में सराहना बटोर रही उन की फिल्म ‘अगली’ अब भारत में रिलीज हो चुकी है. इस में उन्होंने इंसान के अंदर की कू्ररता, छल, कपट और स्वार्थ पर से परदा उठाया है. मजेदार बात यह है कि अनुराग कश्यप ने सरकार व सैंसर बोर्ड के फिल्म के दौरान स्मोकिंग के दृश्यों के वक्त परदे पर ‘धूम्रपान सेहत के लिए खतरनाक है’ वाक्य लिखने के नियम के खिलाफ अदालती लड़ाई शुरू की थी. उस वक्त उन्होंने कहा था कि वे इस मुद्दे पर अदालत का निर्णय आने के बाद ही फिल्म ‘अगली’ को रिलीज करेंगे. पर अदालती लड़ाई हारने के बाद उन्होंने फिल्म रिलीज कर दी. पेश हैं उन से बातचीत के मुख्य अंश.

आखिरकार आप ने स्मोकिंग के मुद्दे पर अपनी लड़ाई खत्म कर फिल्म को रिलीज कर ही दिया?

मैं ने जो मुद्दा उठाया है उस से मैं ने समझौता नहीं किया है. मगर मुझे अपनी फिल्म को बहुत ज्यादा समय तक डब्बे में बंद रखना उचित नहीं लगा. यह फिल्म कई ‘इंटरनैशनल फिल्म फैस्टिवल्स’ में धूम मचा चुकी है. लोग इस फिल्म को ले कर उत्सुक थे. मैं नहीं चाहता था कि मेरी पिछली फिल्म ‘पांच’ की ही तरह ‘अगली’ भी डब्बे में बंद रहे. मैं ने इस फिल्म में अभिनय करने वाले कलाकारों का भी खयाल करते हुए इस फिल्म को थिएटर में ले जाने का निर्णय लिया.

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