फिल्म ‘एक पहेली-लीला’ से आप ने इमेज बदलने की कोशिश की थी, पर अब फिल्म ‘मस्तीजादे’ में आप एक बार फिर अपनी पुरानी इमेज में ही नजर आईं. इस की क्या वजह रही?

मैं ने कभी यह नहीं कहा कि मैं अपनी इमेज बदलना चाहती हूं. फिल्म ‘एक पहेली-लीला’ के वक्त भी मैं ने ऐसा कोई दावा नहीं किया था. उस फिल्म में मुझे जिस तरह का किरदार निभाने का मौका मिला, उसे मैं ने उसी रूप में परदे पर निभाया.

मैं हर फिल्म में कुछ अलग तरह का किरदार निभाना चाहती हूं. मेरा मानना है कि दर्शक भी मुझे अलगअलग तरह के किरदारों में देखना चाहते हैं. दूसरी बात यह कि दर्शकों ने मुझे फिल्म ‘मस्तीजादे’ में लैला और लिली के डबल रोल में देखा है. लैला और लिली दोनों एकदूसरे से अलग हैं. मेरे लिए लिली का किरदार निभाना आसान था, पर लैला का किरदार निभाना थोड़ा मुश्किल था. सच कहूं, तो मुझे सैक्सी किरदार निभाने में परेशानी होती है.

तो क्या आप अपनी सैक्सी इमेज को तोड़ना चाहती हैं?

अपनी इमेज को ले कर मैं ने कभी कुछ नहीं सोचा. मैं जो कुछ हूं, उस को ले कर मुझे कोई पछतावा नहीं है. मैं कुछ एडल्ट फिल्में कर रही हूं, पर इन फिल्मों की कहानियां काफी रोचक हैं. मैं फिल्मों में वह सबकुछ करना चाहती हूं, जो मेरे लिए आसान हो.

आप अपने सैक्सी लुक को बरकरार रखने के लिए क्या करती हैं?

जिस दिन शूटिंग नहीं होती है, उस दिन मैं जिम में 2 घंटे बिताती हूं. जिस दिन शूटिंग होती है, उस दिन जिम में सिर्फ 30 मिनट ही बिताती हूं. मेरी राय में हर औरत को हर दिन थोड़ीबहुत कसरत करनी चाहिए. मैं बौक्सिंग करती हूं. साइकिल चलाती हूं. मुझे पता है कि ज्यादा चौकलेट खाना नुकसान पहुंचाता है, लेकिन चौकलेट मेरी कमजोरी है, तो उसे मैं खा ही लेती हूं.

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