‘फूल और कांटे’ फिल्म से अपने करियर की शुरुआत करने वाले अभिनेता, निर्माता, निर्देशक अजय देवगन ने हर तरह की भूमिका निभाई. वे अपने गंभीर अभिनय के लिए जाने जाते हैं. पर उन्होंने कॉमेडी से लेकर रोमांटिक हर तरह की फिल्में की. ‘हम दिल दे चुके सनम’ उनके जीवन का टर्निंग पॉइंट थी, जहां से उन्हें पीछे मुड़कर देखना नहीं पड़ा. इसके बाद जो भी फिल्में उन्होंने की सभी हिट रहीं.

‘द लिजेंड ऑफ़ भगत सिंह’, ‘कंपनी’, ‘गंगाजल’, ‘राजनीति’, ‘सिंघम’ आदि सभी फिल्में सफल रही. जैसा वे अभिनय करते हैं वैसे ही वे दैनिक जीवन में भी हैं. हर काम को वह चुनौती समझते हैं, हर अभिनय उनके लिए नया होता है. काम के दौरान ही वह काजोल से मिले और एक समय ऐसा आया जब उन्हें लगा कि काजोल से अच्छी कोई जीवन साथी नहीं बन सकती. वह दो बच्चों के पिता हैं. अजय ‘कैमरा शाय’ हैं और केवल फिल्मों के प्रमोशन पर बात करते हैं. फिल्म ‘शिवाय’ के प्रमोशन पर उनसे बात हुई, पेश है अंश.

प्र. इस फिल्म की प्रोमो काफी अलग दिख रही है, इसकी वजह क्या है?

यह मैंने जान बूझकर किया है ताकि आप को फिल्म देखने की इच्छा हो, एक उत्सुकता बनी रहे. यह एक इमोशनल कहानी है, जो पिता और बेटी की है. जो आप फिल्म देखने के बाद ही पता कर सकते है.

प्र. आप ने कॉमेडी, सीरियस और इमोशनल फिल्में की है, कितना मुश्किल होता है सबको बैलेंस करना?

इसमें कॉमेडी, इमोशनल ड्रामा और एक्शन है. लोग जो फील करते हैं, उसे लेकर कहानी बनाई गई है. ‘दृश्यम’ मैंने नहीं बनायीं, उसमें एक्टिंग की थी, उसकी स्क्रिप्ट अच्छी थी. इसलिए मुझे अच्छी लगी थी. इस फिल्म में आज के ज़माने की बाप-बेटी की रियल इमोशन को इसमें दिखाने की कोशिश की है.

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