पटौदी खानदान की बिटिया व कुणाल खेमू की पत्नी तथा अदाकारा सोहा अली खान को पढ़ने का बेहद शौक है. वह स्वांतः सुखाय लिखती भी रहती हैं. वह महज एक अदाकारा ही नहीं हैं, बल्कि राजनीति व इतिहास की अच्छी समझ भी रखती हैं.

इन दिनों वह शिवाजी लोटन पाटिल निर्देशित फिल्म ‘‘31 अक्टूबर’’ को लेकर चर्चा में है, जिसमें उन्होने पहली बार एक सिख महिला का किरदार निभाया है. यह फिल्म 1984 में पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए सिख विरोधी दंगों पर आधारित है.

फिल्म ‘‘31 अक्टूबर’’ के प्रमोशन के वक्त जब सोहा अली खान से हमारी मुलाकात हुई, तो हमने उनसे उनके पढ़ने के शौक पर बात की. उस वक्त सोहा अली खान ने कहा-‘‘मैं हमेशा दो किताबें पढ़ती हूं. एक फिक्शन और एक नान फिक्शन. एक किताब अच्छी कहानी के लिए पढ़ती हूं. दूसरी किताब अच्छी जानकारी पाने के लिए. इस वक्त एक फिक्शन कहानी पढ़ रही हूं. एक लड़की शिकागो में रहती है. वह बहुत पढ़ाकू है. उसकी सुझायी हुई किताब मैं पढ़ती हूं. एक पुरानी किताब भारतीय इतिहास को लेकर है, वह पढ़ रही हूं. तो एक अति सुंदर फैंटसी कहानी पढ़ रही हूं.’’

जब हमने उनसे पूछा कि उन्होंने काफी किताबें पढ़ी होंगी. किस किताब ने उन्हे प्रभावित किया या किस किताब ने उनकी निजी जिंदगी पर असर किया? तो सेाहा अली खान ने कहा-‘‘मेरी निजी जिंदगी पर किसी किताब का असर हुआ या नहीं, यह पता नहीं. क्योंकि मेरी निजी जिंदगी बहुत अलग है. मेरी परवरिश बहुत प्रोटैक्टिव माहौल में हुई है. मैं बहुत खुश हूं. मुझे बहुत सारी चीजों की इच्छा भी नहीं है. मैं अतिमहत्वाकांक्षी नही हूं. मैं खुद को हर किसी से बहुत अलग समझती हूं. लेकिन मेरी पसंदीदा किताबें काफी हैं. सलमान रश्दी की लिखी किताबें बहुत पसंद हैं. मेरी पसंदीदा किताब में ‘मिडनाइट चिल्ड्रेन’ भी है. इस पर बनी फिल्म में मैंने अभिनय भी किया. मुझे मर्डर मिस्ट्री पढ़ना व मर्डर मिस्ट्री वाली फिल्में देखना भी पसंद है.’’

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