हम एक लोकतांत्रिक देश में रहते हैं और किसी को अपनी बात कहने की आजादी होनी चाहिए. क्रिएटिविटी पर रोक लगाने से कला का विकास रूक जाता है. ‘उड़ता पंजाब’ को लेकर बेवजह का विवाद पैदा किया जा रहा है. ऐसा नहीं होना चाहिए. किसी फिल्म पर वेबजह सेंसर की कैंची ठीक नहीं है.

अपने प्रोडक्शन हाउस पर्पल पेब्लस की पहली भोजपुरी पिफल्म ‘बम बम बोल रहा है काशी’ के प्रमोशन के लिए 9 जून को पटना पहुंची प्रियंका ने कहा कि अगर अच्छी कहानी और स्क्रिप्ट मिले तो वह भोजपुरी फिल्मों में एक्टिग भी करेंगी. उन्होंने कहा- ‘भोजपुरी मेरी मातृभाषा है और इसी वजह से पहली बार फिल्म बनाने का ख्याल आया तो सोचा कि क्यों नही भोजपुरी फिल्मही बनाई जाए. इसलिए भोजपुरी फिल्म लेकर दर्शकों के सामने हाजिर हूं.’

फिल्म के कई द्विअर्थी संवाद के सवाल पर वह सफाई देते हुए कहती हैं कि यह क्षेत्रीय फिल्मों के लिए जरूरी है और इसके बाद भी उनकी फिल्म पूरी तरह से पारिवारिक है. पूरी फिल्म काशी नाम के एक सीधे-सादे लड़के के इर्द-गिर्द घूमती है. प्रियंका की सोच है कि अगर फिल्म में लटके-झटके और मनोरंजन नहीं होगा, तो फिल्म चलेगी ही नहीं. उन्होंने कहा कि हिन्दी फिल्मों में कापफी लटके-झटके होते हैं, जो मुझे कापफी अच्छे लगते हैं.

उन्होंने कहा कि वह बिहार की बेटी हैं और उन्होंने पैदा होते ही बिहार को देखा है. प्रिंयंका का जन्म जमशेदपुर में हुआ और शुरुआती पढ़ाई भी वहीं से हुई. इस वजह से बिहार से उनका गहरा नाता और लगाव-जुड़ाव रहा है. प्रियंका ने अपनी फिल्म की शूटिंग गुजरात में की है.

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