‘मैरी कौम’, ‘एनएच 10’, ‘सरबजीत’, ‘मिर्जा जूलिएट’ जैसी फिल्मों में अलग अलग किरदार निभा चुके दर्शन कुमार की ऐक्टिंग की दुनिया में अपनी एक अलग पहचान है. उन्होंने तकरीबन 15 सालों तक थिएटर से जुड़े रह कर  काफी नाम कमाया है. मजेदार बात यह है कि गैरफिल्मी और गैरकला परिवार से संबंध रखने वाले दर्शन कुमार जब 5वीं क्लास में पढ़ते थे, तब से उन्होंने कविताएं लिखना और अपनी लिखी हुई कविताओं पर नाटक बना कर उन्हें पेश करना शुरू कर दिया था. दर्शन कुमार ने बताया, ‘‘मैं जब 5वीं जमात में पढ़ता था, तब से कविताएं लिखता आ रहा हूं. मैं अपनी लिखी कविताओं को नाटक के तौर पेश किया करता था. इस के लिए मुझे काफी अवार्ड भी मिले. मुझ से कहा गया था कि तुम इसे गंभीरता से लो, तभी तो मैं ने ‘ऐक्ट वन’ ग्रुप जौइन किया था.

‘‘थिएटर का मेरा अनुभव यह है कि मैं ने सब से पहले दिल्ली में एनके शर्मा का ‘ऐक्ट वन’ ग्रुप जौइन किया था, जो बहुत ही कठिन टास्क मास्टर माने जाते हैं. ‘ऐक्ट वन’ का रिकौर्ड है कि एक महीने के अंदर किसी भी कलाकार को लीड किरदार निभाने का मौका नहीं मिला. मगर मुझे एक महीने के अंदर ही नाटक में लीड किरदार निभाने का मौका मिल गया था.

‘‘एनके शर्मा बहुत ही खतरनाक ट्रेनिंग कराते हैं. पूरी तरह से संतुष्ट होने पर ही वे किसी कलाकार को लीड किरदार के लिए चुनते हैं.’’

आप किस तरह से कविताएं लिखते और पेश करते थे  इस सवाल के जवाब में दर्शन कुमार ने कहा, ‘‘मैं कविताएं लिखता था, फिर उन्हें नाटक के रूप में पेश करता था. मैं कभी पंछी तो कभी किताब बनता था. यह मेरे लिए एक अनूठी कोशिश थी.

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