फिल्म ‘दम लगा के हईशा’ में एक मोटी औरत का किरदार निभा कर मशहूर हुई हीरोइन भूमि पेडनेकर की इस फिल्म को जब 63वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में सर्वश्रेष्ठ हिंदी फिल्म का पुरस्कार मिला, तो उन की खुशी का ठिकाना न रहा. खुशी के इन पलों में उन की आंखों से आंसू छलक पड़े. पहली फिल्म में इतनी बड़ी कामयाबी उन के लिए खास थी. पिता महाराष्ट्र के और मां हरियाणा के जाट परिवार की होने के बावजूद भूमि की बातों में पंजाबी लहजा ज्यादा है. मुंबई की भूमि ने अपना 32 किलो वजन बड़ी मुश्किल से कम किया है और वे अगली फिल्म ‘मनमर्जियां’ के लिए तैयार हैं.

भूमि पेडनेकर ने बताया, ‘‘मैं ने 6 साल तक यशराज फिल्म्स में कास्टिंग डायरैक्टर शानू शर्मा के साथ असिस्टैंट के रूप में काम किया. तब मुझे कभी लगा नहीं था कि मैं फिल्मों में काम करूंगी. लोग सोचते हैं कि मैं ने यशराज फिल्म्स में काम किया, इसलिए फिल्म मिल गई, जबकि ऐसा नहीं था. अपने क्षेत्र में काम को समझने के लिए मुझे काफी मेहनत करनी पड़ी थी.’’ भूमि पेडनेकर को हमेशा से डायरैक्टर बनने की इच्छा थी. ऐक्टिंग के बारे में तो कभी सोचा नहीं था. उन्होंने बताया, ‘‘मैं कास्टिंग का काम करती थी, जहां आडिशन करते हुए ऐक्टिंग करनी पड़ती है. पहले भी कई बार शानू शर्मा ने मुझे ऐक्टिंग करने की बात कही, पर हर बार मैं टाल जाती थी, क्योंकि मुझे तो डायरैक्टर बनना था.

‘‘आदित्य चोपड़ा ने भी मेरे काम को देखा था. एक दिन जब मैं आडिशन ले रही थी, तो शानू शर्मा पीछे से आईं और कहा कि तुम अपना समय क्यों बरबाद कर रही हो, तुम्हारे अंदर डायरैक्टर बनने का कोई लक्षण नहीं है.

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