टीवी की दुनिया टीआरपी के घोड़े पर सवार रहती है. जरा सी टीआरपी क्या लुढ़की, इन के सीरियल्स में उठापटक होने लगती है. कभी किसी किरदार को विवाद की चादर ओढ़ा कर तो कभी गुजरे जमाने के मशहूर व आज रिटायर हो चुके अदाकारों को छोटे परदे पर लाया जाता है ताकि सीरियल्स से दर्शक को चिपकाए रखा जा सके. कई बार यह तरीका कामयाब भी हो जाता है. शेखर सुमन सालों पहले अपना फिल्मी कैरियर डूबता देख रहे थे तभी उन्हें टीवी में बुलावा आया और उन्होंने टीवी की दुनिया में लंबी पारी खेली. इसी तरह फारूख शेख भी टीवी पर आए. छोटे परदे पर इन दिनों 80-90 दशक की अभिनेत्रियों को लाया जा रहा है. पिछले साल सोनाली बेंद्रे ने जहां ‘अजीब दास्तान है ये’ धारावाहिक से टीवी पर कमबैक किया वहीं पूनम ढिल्लन, करिश्मा कपूर, माधुरी दीक्षित और प्रीटी जिंटा भी यह कर चुकी हैं और आज भी कर रही हैं.

जल्द ही अभिनेत्री अनीता राज भी ‘एक था राजा एक थी रानी’ धारावाहिक में महारानी प्रियंवदा के किरदार में नजर आएंगी. वैसे इस से पहले वे अनिल कपूर के साथ धारावाहिक ‘24’ में अहम किरदार निभा चुकी हैं. दरअसल अपने जमाने की मशहूर अभिनेत्रियों को टीवी पर लाने के दोहरे फायदे हैं. पहला तो यह कि रिटायर हो चुकी इन अदाकारों में वापस कैमरे पर आने का उत्साह होता है जिस के चलते ये टीवी पर पहले से स्थापित हो चुके बड़े कलाकारों की तरह नखरे नहीं करते. दूसरा इन अभिनेत्रियों के जमाने से जुड़ा दर्शक वर्ग इन धारावाहिकों को बोनस की तरह मिलता है. यही वजह है कि अमोल पालेकर और रघुवीर यादव भी एक सीरियल से टीवी पर कमबैक कर रहे हैं. अनीता राज की बात करें तो वे अपने जमाने में बहुत कामयाब अभिनेत्री नहीं थी लेकिन कुछ ग्लैमरस स्टाइल और इक्कादुक्का हिट फिल्मों की बदौलत लोग उन्हें जानते हैं. पर उन की लोकप्रियता इस धारावाहिक को बहुत ज्यादा फायदा पहुंचाएगी, लगता नहीं है.

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