50 वर्षों के वैमनस्य के बाद अमेरिकीक्यूबन राजनीतिक संबंधों में सुधार की नई किरण चमकी है. जनवरी 2015 में जन्मी 7.7 पाउंड की नन्ही किरण का नाम है जेमा, जो क्यूबन खुफिया एजेंट जेरार्दो एर्नान्देज और क्यूबन खुफिया एजेंसी के लिए काम करने वाली एड्रियाना पेरे की पुत्री है. जेमा का अस्तित्व आधुनिक विज्ञान और तकनीक का चमत्कार तो है ही, साथ ही उलझी राजनीति के पेंच सुलझाने का अनोखा प्रयास भी है. अमेरिका और क्यूबा के बीच समुद्री फासला 100 मील से कम है. 50 वर्षों के वैमनस्य के दौरान क्यूबावासियों का फ्लोरिडा के तट की ओर पलायन अखबारों की सुर्खियां बनता जा रहा है. क्यूबा के कम्युनिस्ट प्रशासन द्वारा दमन के शिकार होने के दावेदारों को अमेरिका में शरण मिली है. अमेरिका में प्रवासी क्यूबन जनसंख्या अमेरिकी चुनावों के दौरान दमदार वोटबैंक होती है. विश्व के सभी देशों की खुफिया एजेंसियों द्वारा एकदूसरे के गिरेबां में ताकझांक करना अकाट्य सत्य है और विशेषतौर पर विरोधी देशों में आंतरिक स्थिति, शांति व अशांति की खोजखबर रखना कूटनीति का अभिन्न अंग. समयसमय पर जासूसों की पकड़धकड़ भी सामान्य बात है.

छू गया अंतर्मन

क्यूबन नागरिक एड्रियाना पेरे के पति और क्यूबन खुफिया एजेंट 49 वर्षीय जेरार्दो एर्नान्देज अमेरिका में विभिन्न आरोपों के लिए पिछले 16 सालों से आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे. एड्रियाना पेरे भी क्यूबन खुफिया एजेंसी में कार्यरत हैं. पति से मिलने अमेरिका आने के लिए एड्रियाना पेरे को वीजा बहुत सालों बाद और बहुत कठिनाई से मिला. पिछले डेढ़ साल में वे अपने पति से केवल 2 बार मिल पाई हैं. 1976 से 2008 तक क्यूबा में फिदेल कास्त्रो के शासन के बाद 2008 में सत्तारूढ़ होने वाले उन के भाई राउल कास्त्रो के कार्यकाल में दोनों देशों के बीच राजनीतिक संबंधों में परिवर्तन के लक्षण नजर आने लगे. अमेरिकी सेनेटर पैट्रिक लेही 1990 से क्यूबा की यात्रा करते रहे हैं और फरवरी 2013 से अमेरिकीक्यूबन संबंधों में सुधार की उच्च स्तरीय कोशिशों ने जोर पकड़ा. इस दौरान क्यूबा में बंदी अमेरिकी खुफिया एजेंट ऐलन रौस और रोलैंदो सर्राफ की रिहाई की पैरवी करने के लिए सेनेटर लेही और उन की पत्नी मर्सेल पौमर्लोह फिर क्यूबा पधारे. सेनेटर की पत्नी से भेंट कर के एड्रियाना ने निवेदन किया कि पति से लंबी जुदाई के कारण न केवल उन का दांपत्य जीवन सूना है बल्कि मातृत्व के उन के स्वप्न भी उन की बढ़ती आयु के कारण धूमिल हुए जा रहे हैं. लेही दंपती स्वयं बालबच्चों और नातीपोतों वाले हैं. 44 वर्षीय एड्रियाना की समस्या का मानवीय पक्ष उन के अंतर्मन को छू गया. अमेरिकी जेलों में बंदियों को पत्नियों के साथ सहवास की अनुमति नहीं है लेकिन अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने समस्या का समाधान खोज ही लिया.

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