पाजी दिल की कहूं तो जब से मैं अपनी बीवी के साथ इस जन्म के वैवाहिक बंधन में बंधा हूं तब से मैं ने उस की नाक बहती ही देखी, उसे खांसते ही देखा. घर में जितना घी तड़के को नहीं लगा होगा उस से अधिक विक्स वह अपने नाक में मल चुकी है. मैं जितना अपनी बीवी से परेशान नहीं उस से अधिक उस के विक्स से परेशान हूं. कई बार सोचता हूं कि अगर यह विक्स का दुरुपयोग न करती तो विक्स बनाने वाली कंपनी कब की बंद हो चुकी होती.

औरों को देश की उलटीसीधी चिंता पर मुझे जागतेसोते बस एक ही चिंता है कि अब बीवी के इस जुकाम का क्या करूं? किस को इस की नाक दिखाऊं? इस के बदले घर के काम करने का तो अब मैं आदी हो चुका हूं. अब तो जिस वक्त घर के बरतन न धोऊं, सारा दिन हथेलियों में खुजली होती रहती है. लोगों की हथेलियों में खुजली पैसे आने के लिए होती है और मेरी हथेलियों में खुजली बरतन न धोने के कारण होती है.

जब से वे सर्दीजुकाम वाले लोकप्रिय हुए हैं तब से मुझे सर्दीजुकाम वालों से दिली प्यार हो गया है. दिल सर्दीजुकाम वालों से प्यार करने को लाचार हो गया है. सर्दीजुकाम वालों से निडर हो, गले लगता हूं कि कम्बख्त ये सर्दीजुकाम मुझे भी हो जाए तो बंदा उन का खासमखास हो जाए, जनता की सेवा के बहाने गृहस्थी में पास हो जाए, पर मेरी इम्युनिटी भी न? हरदम इस फिराक में रहता हूं कि कहीं कोई सर्दीजुकाम वाला मिल जाए तो उसे गले से लगा लूं, सारे गिलेशिकवे भुला कर. हो सकता है वह बंदा ही उन का खास निकले.

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