आजकल सामान्य चाय के बजाय ग्रीन टी के पीने पर विशेष जोर दिया जा रहा है. वह भी एक बार नहीं, कम से कम 2 या 3 बार. हजारों वर्षों से ग्रीन टी का प्रयोग दवा की तरह किया जा रहा है. अगर आप अपनी सेहत को ले कर गंभीर और सचेत हैं तो आज से ही सामान्य चाय की जगह कम से कम दिन में 2 बार ग्रीन टी लेना शुरू कर दें. ग्रीन टी के फायदों से अधिकतर लोग आज भी अनजान हैं. ग्रीन टी में पाए जाने वाले पौलीफिनौल्स व फ्लेवोनौएड्स जिस्म की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं जिस से इंसान हर प्रकार के संक्रमण से बच सकता है. ग्रीन टी में पाए जाने वाले ये ऐंटीऔक्सीडैंट विटामिन सी से 100 गुणा और विटामिन ई से 24 गुणा अधिक प्रभावी होते हैं. ये शरीर के उन सैल्स को सुरक्षित व संरक्षित करने में सहायक हैं जिन के क्षतिग्रस्त होने से शरीर के किसी भी भाग में कैंसर होने की संभावना प्रबल हो जाती है.

ग्रीन टी का नियमित सेवन न केवल वजन कम करने में सहायक है बल्कि उच्च रक्तचाप से ले कर कैंसर जैसे घातक रोगों तक से निजात दिला सकता है. यही नहीं, ग्रीन टी पीने वालों में रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी बीमारियों से लड़ने की क्षमता कई गुणा अधिक होती है. यह जीवाणु, विषाणु और गले के संक्रमण से सुरक्षा प्रदान करती है, इसलिए खांसी, जुकाम, बुखार जैसी मौसमी बीमारियां ग्रीन टी पीने वालों के पास नहीं आतीं. इस में दूध नहीं मिलाना चाहिए क्योंकि दूध मिलाने से इस के ऐंटीऔक्सीडैंट तत्त्व समाप्त हो जाते हैं.

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