बदलती जीवनशैली और अनियमित खानपान के चलते आज हर शख्स डाक्टर की शरण में पहुंच जाता है. मुश्किल तब पैदा होती है जब हम अपनी नासमझी से डाक्टर को अधूरी, गलत या दिग्भ्रमित जानकारी दे कर बरगलाने की कोशिश करते हैं बगैर अपने नुकसान की परवा किए. ऐसे में समुचित व सही इलाज के लिए स्मार्ट पेशेंट कैसे बना जाए, बता रही हैं वीना सुखीजा.
आप स्मार्ट पेशेंट हैं तो दब्बू नहीं हो सकते. आप को उच्चकोटि का शरलौक होम्स होना होगा. होम्स की तरह स्मार्ट पेशेंट अक्लमंदी भरे प्रश्न पूछते हैं. उन्हें बारीक मैडिकल परिभाषाओं को जानने की जरूरत नहीं है लेकिन उन्हें अपनी सेहत के बारे में बुनियादी बातों को जानने का प्रयास तो करना ही होगा. आखिरकार अपने स्वास्थ्य की सफलता के लिए आप ही सब से जिम्मेदार व्यक्ति हैं, इसलिए आप अपना सही व अच्छा इलाज कराना चाहते हैं तो आप को स्मार्ट पेशेंट बनना पड़ेगा.
परेशानी को बयान करें
जब आप डाक्टर से अपने स्वास्थ्य इतिहास या समस्या की व्याख्या कर रहे हों तो अपने साथ अपने जीवनसाथी या पार्टनर को अवश्य रखें. बहुत से ऐसे प्रश्न हैं जिन का जवाब सिर्फ पार्टनर ही दे सकता है. मसलन, सोते समय आप कितनी बार सांस लेना बंद कर देते हैं. लेकिन डाक्टर की छठी इंद्रिय से सावधान रहें. जब आप डाक्टर को बताते हैं कि आप बामुश्किल ही तली हुई चीजें खाते हैं या आप सैन्य अनुशासन की तरह कोलैस्ट्रौल कम करने वाली दवाएं लेते हैं, तो आप का पार्टनर अपनी लुक से ही डाक्टर को यह संकेत दे देगा कि आप झूठ बोल रहे हैं. डाक्टर आप के पार्टनर की इस लुक को कभी भी नजरअंदाज नहीं करता. और हां, कभीकभी आप का पार्टनर ही आप के राज को जाहिर करना चाहेगा, इसे प्यार कहते हैं.
आप डाक्टर को बेवकूफ बनाने की कोशिश करेंगे तो डाक्टर आप की घेराबंदी का भी प्रयास कर सकता है. मसलन, डाक्टर आप से मालूम कर सकता है कि क्या आप 3 मंजिल सीढ़ी चढ़ने में सक्षम हैं. आप हां कहेंगे, अगर आप 80 बरस के या बिस्तर से टिके हुए नहीं हैं. फिर डाक्टर आप से मालूम करेगा, ‘आप आखिरी बार 3 मंजिल सीढ़ी कब चढ़े थे?’ आप कहेंगे, ‘शायद 1 माह पहले.’ और आप का पार्टनर ऐसी लुक देगा जो डाक्टर से कहेगी, जब से शादी हुई है तब से आप कौन से 3 माले चढ़े हो?’
सच या नतीजे
डाक्टर को अपनी बात बताते हुए आप यकीनन सच को थोड़ा मोड़ देते हैं. ये अच्छा और बुरा आप स्वयं ही करते हैं. इसलिए डाक्टर आप के दावों को कम या ज्यादा कर के समीक्षा करता है. मसलन, जब आप कहते हैं कि आप दिन में सिर्फ 2 ड्रिंक्स लेते हैं, तो डाक्टर सुनता है कि आप सप्ताह में एक कार्टन पी जाते हैं. जब आप सप्ताह में 2 बार कसरत करते हैं, तो डाक्टर सुनता है कि आप बामुश्किल ही कभी कसरत करते हैं. जब आप कहते हैं कि आप दिन में दोचार ही सिगरेट पीते हैं, तो डाक्टर सुनता है कि आप दिनभर में सिगरेट का पूरा पैकेट पी जाते हैं. जब आप कहते हैं कि आप का जौब तनावपूर्ण है तो डाक्टर सुनता है कि आप की जौब की वजह से आप को हार्ट अटैक हो जाएगा. जब आप कहते हैं कि दौड़ने पर आप की सांस फूल जाती है तो डाक्टर सुनता है कि 5 सीढि़यां चढ़ने पर ही आप हांफने लगते हैं. जब आप कहते हैं कि आप डाक्टर के पास नियमित चैकअप के लिए आते रहेंगे और कभी भूलेंगे नहीं तो डाक्टर सुनता है कि आप उस समय उस के पास लौटेंगे जब आप के बच्चे जवान हो जाएंगे.
नर्सें सब जानती हैं
आप यह जानना चाहते हैं कि कौन सा डाक्टर सब से अच्छा है तो सब से बड़े स्थानीय अस्पताल की आईसीयू नर्स से बात करें. अगर उस अस्पताल में मैडिकल शिक्षा भी दी जाती है तो ज्यादा अच्छा है. नर्सें क्योंकि डाक्टरों को दिनरात देखती हैं, इसलिए उन्हें मालूम होता है कि डाक्टर अच्छा है या खराब. अगर आप अस्पताल में किसी मरीज को देखने गए हैं तो वह अच्छा समय होता है नर्स से बात करने का.
नर्स अगर व्यस्त नहीं है और उस के पास समय है तो आप शालीनता से उस के पास जा सकते हैं और डाक्टर के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं. नर्स आप से कह सकती है, ‘सच कहूं तो डाक्टर गिरि बहुत ही सनकी हैं. हर कोई उन से नफरत करता है. लेकिन अगर आप को कोई गंभीर परेशानी है तो उन से अच्छा कोई डाक्टर नहीं है.’ मैडिसिन के क्षेत्र में इस किस्म की समीक्षा असामान्य नहीं है.
फार्मासिस्ट से दोस्ती कर लें
आप का फार्मासिस्ट सब से सस्ता स्वास्थ्य स्रोत है जिस तक आप आसानी से पहुंच सकते हैं. किसी छोटे मैडिकल स्टोर पर एक फार्मासिस्ट से व्यक्तिगत संबंध स्थापित करना आसान प्रतीत होता है, लेकिन स्मार्ट पेशेंट सुपर स्टोर के फार्मासिस्टों से भी अच्छे संबंध स्थापित कर लेते हैं. आप जब चाहें, बिना किसी अपौइंटमैंट के, फार्मासिस्ट से संपर्क कर सकते हैं और मुफ्त की सलाह ले सकते हैं. आप के फार्मासिस्ट को गजब की जानकारी होती है, जिसे आप भी आसानी से हासिल कर सकते हैं. बहुत से फार्मासिस्टों को नई तकनीक की भी जानकारी होती है जो आप के बहुत से सवालों का उत्तर दे सकते हैं, जैसे क्या इस नई दवा को लेना सुरक्षित होगा? इस के अलावा फार्मासिस्ट उन रोगियों को भी जानता है जो आप जैसे ही रोग से पीडि़त हैं और अलगअलग किस्म की दवाएं लेते हैं. उस तरह फार्मासिस्ट को यह जानकारी होती है कि किस का इलाज सही हो रहा है और कौन साइड इफैक्ट की शिकायत कर रहा है. फार्मासिस्ट यह भी जानते हैं कि कौन से साइड इफैक्ट्स गंभीर हो सकते हैं.
इस सिलसिले में यह बात विशेष रूप से ध्यान रखें कि मैडिकल स्टोर के कर्मचारी से बात न करें बल्कि वहां जो बी फार्मा ग्रेजुएट है, उस से ही बातचीत व दोस्ती करें.
इंतजार करें
जब आप टैस्ट रिजल्ट्स के लिए उतावले हों तो सोचें नहीं. कोई खबर अच्छी नहीं होती. बहुत से रोगी इंतजार करते हैं कि टैस्ट के नतीजे बताने के लिए डाक्टर उन्हें कौल करेगा या वे अंदाजा लगाते हैं कि डाक्टर की खामोशी का अर्थ सबकुछ ठीक है. स्मार्ट पेशेंट हमेशा मालूम करते हैं कि टैस्ट के नतीजे कब आएंगे और वे उसी दिन ही डाक्टर के पास जाते हैं.
पेथोलौजी लैब से नतीजे समय से नहीं आ रहे हैं तो फिर यह हमारी जिम्मेदारी बनती है कि उसे अपने टैस्ट के बारे में याद दिलाएं. यह भी हो सकता है कि जो लैब से रिपोर्ट आई हो वह खो गई हो. और व्यस्त क्लिनिक में रिकौर्ड 1-2 दिन हमारी बिना जानकारी के भी पड़े रह सकते हैं. इसलिए जैसे ही समय हो जाए फौरन फोन उठाएं और टैस्ट नतीजों के बारे में मालूम कर लें.
पिछली बातों से सीखें
क्या आप ने कभी यह सोचा कि जब आप के किसी करीबी का निधन होगा तो आप उस की अटौप्सी कराएंगे? इस बारे में कम ही सोचा जाता है. हालांकि अटौप्सी कराना महंगा पड़ता है लेकिन उस से मिलने वाली जानकारी आप के लिए बहुत लाभकारी हो सकती है. मसलन, अगर आप को यह मालूम पड़े कि आप के पिता का निधन 82 वर्ष की आयु में हुआ और उन्हें प्रोस्टेट कैंसर पिछले 32 वर्ष से था, तो आप इस रोशनी में स्वयं अपनी देखभाल बेहतर तरीके से कर सकते हैं. अटौप्सी कराने का केवल यही अर्थ नहीं होता कि मृत्यु की वजह संदिग्ध है या उस में कोई गड़बड़ की गई है.
सर्जरी की आवश्यकता है
अगर जरूरत सर्जरी की है तो विशेषज्ञों के विशेषज्ञ को तलाश करें. आप को सिर्फ उस डाक्टर की जरूरत नहीं है जो एक किस्म की सर्जरी करने में सहजता महसूस करता है. आप को ऐसा सर्जन चाहिए जो उस तकनीक पर फोकस करता है जिस की आप को जरूरत है.
आजकल एक सर्जन एक विशेष किस्म की सर्जरी में इतना अनुभव व महारत हासिल कर लेता है कि उस के रोगियों को कोई शिकायत का मौका ही नहीं मिलता. अपने नियमित डाक्टर से मालूम करने के अलावा इंटरनैट या जानकार लोगों से मालूम करें कि आप को जो सर्जरी करानी है उस का माहिर कौन है. आप को बस यह उम्मीद करनी चाहिए कि वह माहिर सर्जन पास के ही अस्पताल में हो ताकि आप को ज्यादा दूर न जाना पड़े.
लिविंग विल कस्टमाइज करें
लिविंग विल हालांकि दो शब्द हैं लेकिन उन्होंने आजकल इतनी ही दिलचस्पी उत्पन्न कर रखी है जितनी किसी जमाने में लाइफ इंश्योरेंस ने की थी. 2005 में जब ब्रेन डेड टैरी शिआवो की बहस दुनियाभर में छिड़ी तो लिविंग विल भी फैशन में आ गई. खासकर उन व्यक्तियों में भी जो अभी 40 वर्ष के भी नहीं हुए हैं. लेकिन ऐसी कोई लिविंग विल नहीं है जो सभी पर समान रूप से लागू होती हो.
लिविंग विल का अर्थ है कि आप जिंदा रहते हुए अपनी वसीयत बना दें. अगर स्थितियां त्रासदी की ओर चली जाएं तो आप अपने लिए बोल नहीं सकते. इसलिए अस्पताल के स्टाफ को पहले ही बतला दें कि आप किस तरीके को बाद में स्वीकार करना पसंद करेंगे और किस को नहीं, जैसे:
आर्टिफिशियल ब्रीदिंग:यह वेंटीलेटर नामक मशीन के जरिए आप के फेफड़े में हवा पंप करने का तरीका है.
आर्टिफिशियल फीडिंग : अगर आप स्वयं खा नहीं सकते तो आप को पौष्टिक तत्त्व आईवी या ट्यूब के जरिए दिए जाते हैं जिसे आप के पेट तक पहुंचा दिया जाता है. कुछ रोगी सिर्फ सुविधा के लिए इस प्रक्रिया का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन ऐसा करना कुछ खास अच्छा नहीं है. बेहतर यही है कि अगर आप स्वयं खा सकते हैं तो आर्टिफिशियल फीडिंग के बजाय खुद ही खाएं.
कार्डियोपल्मोनरी रीसक्शन (सीपीआर) : यह नाटक आप ने टीवी सीरियल्स व फिल्मों में देखा होगा जहां अस्पताल की टीम रोगी के हृदय को जीवित करने का प्रयास करती है, जब वह सांस लेना बंद कर देता है. अगर आप ने सीपीआर न इस्तेमाल करने की वसीयत की है तो ही इस का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा वरना डाक्टर आप को जिंदा करने का प्रयास इस के जरिए जरूर करेंगे. ध्यान रहे कि टीवी सीरियल की तरह सीपीआर में 99.99 प्रतिशत जीवित होने की संभावना नहीं होती है. फिर भी डाक्टर अपनी तरफ से भरपूर प्रयास करते हैं.
अगर आप इस गाइड के अनुसार अपना इलाज कराएंगे तो विशेषज्ञों का कहना है कि आप का इलाज सही भी होगा और सस्ता भी.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...