अनिकेत, 14 साल का उभरता हुआ फुटबौल खिलाड़ी, जोकि पश्चिमी दिल्ली में रहता है, ने एक दिन अपना रोजाना का अभ्यास खत्म ही किया था कि उस की दाईं एड़ी में दर्द होने लगा और कुछ ही देर में उस में काफी सूजन भी आ गई. उस ने कुछ दर्दनिवारक दवाएं और दर्द कम करने वाले अन्य उपाय भी अपनाए पर कोई लाभ नहीं हुआ.

उस के परिवार वाले उसे एक और्थोपैडिक डाक्टर के पास ले गए तो पता चला कि उसे जेआरए यानी जूवेनाइल रिह्यूमेटौयड आर्थराइटिस है. आजकल बच्चों में यह रोग काफी तेजी से बढ़ रहा है. डाक्टरों ने अनिकेत को पूरी तरह से आराम करने व फुटबौल खेलने से परहेज करने की सलाह दी. वह राज्य की जूनियर टीम में शामिल होने के लिए तैयारी कर रहा था. इस खबर ने अनिकेत का पूरा उत्साह ही ठंडा कर दिया और उस के मातापिता भी काफी निराश हो गए. बेचारे अनिकेत का राज्य जूनियर फुटबौल टीम में शामिल होने का सपना चूरचूर हो गया. वह कम उम्र में ही अपनेआप को असहाय महसूस करने लगा. उस के मातापिता के लिए वह काफी मुश्किल समय था. अनिकेत के पिता नवनीत मेहता बताते हैं, ‘‘हमारा बेटा अब घर पर बैठा टीवी देखता रहता है, उस की भूख भी कम हो गई है. वह ऐक्टिव बच्चा था पर अपनी बीमारी के कारण उसे इस उम्र में भी घर पर बैठना पड़ रहा है.’’

जूवेनाइल रिह्यूमेटौयड आर्थराइटिस बच्चों में क्रौनिक गठिया का आम कारण है जो कि 6 सप्ताह तक असर बनाए रखता है. इस के विभिन्न प्रकार अलगअलग क्लीनिकल संकेतों व लक्षणों पर निर्भर करते हैं. जेआरए में बच्चों को जोड़ों के दर्द के साथ ही सूजन भी होती है और कई बार बुखार, त्वचा पर लाल चकत्ते उभरना, पीठदर्द, आंखों में लाली व पंजों या एड़ी में दर्द भी होता है.

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