भारत के स्टार मुक्केबाज विजेंदर सिंह का पहला पेशेवर खिताबी मुकाबला 11 जून को इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में हो सकता है और इसे मंजूरी देने वाली संस्था विश्व मुक्केबाजी संगठन ने वादा किया है कि यह ऐतिहासिक होगा.

पेशेवर सर्किटक में विजेंदर ने अब तक केवल तीन मुकाबले लड़े हैं लेकिन तीनों में उन्होंने नॉकआउट में जीत दर्ज की. वह डब्ल्यूबीओ मिडिलवेट या सुपर मिडिलवेट खिताब के लिए लड़ेंगे. उनके प्रतिद्वंद्वी पर फैसला अगले कुछ सप्ताहों में किया जाएगा.

विजेंदर के ब्रिटिश स्थित प्रमोटर्स फ्रांसिस वारेन ने कहा कि यह उसके लिए अपने पहले खिताब के लिए लड़ने का सही समय है. असल में यह निश्चित तौर पर वित्तीय रूप से सभी सही समय है क्योंकि हमारा मानना है कि उसके लिए भारत में लड़ना बहुत बड़ी बात होगी. जून के मुकाबले से पहले उसे ब्रिटेन में तीन फाइट करनी हैं.

इनमें से पहली 12 मार्च को लिवरपूल फिर दो अप्रैल और 30 अप्रैल को होगी. कुछ समय के विश्राम के बाद वह या तो डब्ल्यूबीओ मिडिलवेट या सुपर मिडिलवेट खिताब के लिए लड़ेगा.

उन्होंने कहा कि विजेंदर पिछले कुछ समय से घर से बाहर है और इसलिए यह उसके लिए अच्छा होगा कि वह अपने लोगों के साथ रहे और समय भी बहुत अच्छा है क्योंकि जुलाई अगस्त में ब्रिटेन में बहुत अधिक मुक्केबाजी नहीं होती है.

विजेंदर के भारतीय प्रमोटर आईओएस के प्रबंध निदेशक नीरव तोमर ने कहा, आईजी स्टेडियम से बेहतर कुछ नहीं हो सकता. हम 15 से 20 हजार दर्शकों की उम्मीद कर सकते हैं और यह मुकाबले के लिए आदर्श स्टेडियम होगा. यह इस तरह के बड़े मुकाबले के आयोजन के लिए पूरी तरह से तैयार है.

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