कहा और माना जाता है कि टीम इंडिया के कप्तान (वनडे, टी20) महेंद्र सिंह धोनी का पहला और आख़िरी प्यार है साक्षी, जिससे उन्होंने ब्याह भी रचाया है और उनकी एक बेटी भी है, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि साक्षी उनका पहला प्यार कभी नहीं रही.

साक्षी से पहले धोनी किसी और से प्रेम करते थे और ये प्रेम इतना गहरा रहा है कि वह उसे आजतक अपने दिल में बसाए हुए हैं.

दरअसल धोनी को बचपन से ही गाड़ी और खेल से बेइंतहा प्यार रहा है. यही वजह है कि साक्षी से शादी करने के बाद भी वह अपने बाइक व कार प्रेम को नहीं भुला पाए हैं. धोनी रांची आने के बाद अपना ज़्यादातर वक़्त अपनी गाड़ियों में लगाते हैं. चाहे मामला उनकी साफ़-सफाई का हो या फिर उनके मेंटीनेंस का, इससे वह किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करते. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है की जब भी इन गाड़ियों के लिए मैकेनिक बुलाये जाते हैं तो धोनी ख़ुद उसके साथ बैठ जाते हैं.

गाड़ी की करते हैं ख़ुद देख-रेख
धोनी रांची में रहने के दौरान एक-एक गाड़ी का कवर हटाकर उसकी देख-रेख करते हैं. मौका मिलने पर वो उन्हें सड़क पर भी दौडाते हैं. हालांकि उनका दुपहिया चलाने का शौक तो रांची में कुछ हद तक पूरा हो जाता है लेकिन रांची की तंग गलियों में उनकी बड़ी गाड़ियां खप नहीं पाती सो वे पार्किंग की शोभा बनकर रह जाती हैं. 

जानें धोनी के काफ़िले में हैं कौन-कौन सी कारें
रधोनी के पास लगभग दस से अधिक कारों का काफिला है जिसमें महिंद्रा स्कॉर्पियो, रेंज रोवर आदि गाड़ियां शामिल हैं. साथ ही उनके पास हमर एच-2, सिएरा, मित्सुबिशी, आउटलैंडर, टोयोटा कोरोला और ऑडी जैसी गाड़ियां भी हैं. टोयोटा कोरोला झारखण्ड सरकार ने 2007 में उन्हें गिफ्ट की थी. दुनिया में टी-20 सीरीज में भारत का झंडा लहराने पर झारखण्ड सरकार ने उन्हें यह तोहफा दिया था. वहीँ 17 फीट लम्बी 'हमर' धोनी ख़ुद दिल्ली से चलाकर रांची लेकर आये थे. इस यात्रा में बॉलर आरपी सिंह ने भी उनका साथ दिया था.

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