दुनिया की बेहतरीन टीमों में माने जाने वाली भारतीय क्रिकेट टीम का बंगलादेश जैसी टीम से शृंखला हार जाना, फिर 10 जुलाई से जिंबाब्वे के खिलाफ होने वाली एकदिवसीय और टी-20 शृंखला में महेंद्र सिंह धौनी, विराट कोहली को विश्राम दे कर आजिंक्य रहाणे के हाथों टीम की कमान सौंपना साबित करता है कि टीम इंडिया में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है.इस सीरीज में खिलाडि़यों में न तो जोश दिखा और न ही जज्बा. बल्कि टीम में गुटबाजी साफ दिखाई दे रही है. महेंद्र सिंह धौनी ब्रिगेड और दूसरे गुट में विराट कोहली ब्रिगेड खुल कर मैदानेजंग में आमनेसामने आ खड़ी हुई हैं. सीरीज के बीच में ही महेंद्र सिंह धौनी का एक चौंकाने वाला बयान भी आया कि अगर टीम का प्रदर्शन उन के बाहर होने से ठीक हो जाता है तो वे एकदिवसीय कप्तानी छोड़ने को तैयार हैं. भले ही पत्रकारों को धौनी ने मजाकिया अंदाज में जवाब दिया हो पर यह मसला कहीं न कहीं गंभीर है क्योंकि जो खिलाड़ी पहले धौनी का दिलोजान से समर्थन करते थे उन्हीं खिलाडि़यों को अब धौनी की बात रास नहीं आती. विराट कोहली ने धौनी के फैसलों पर ही सवाल उठा दिए और कोहली ने कहा कि एकदिवसीय सीरीज के दौरान जो फैसले लिए गए, उन से खिलाडि़यों के सामने स्पष्ट कुछ भी नहीं था.

दरअसल, धौनी इन दिनों चौतरफा दबाव झेल रहे हैं. पहला, एन श्रीनिवासन का बीसीसीआई में दबदबा खत्म हो चला है और दूसरा, टीम इंडिया के निदेशक रवि शास्त्री विराट कोहली को ज्यादा तवज्जुह देते हैं. यह बात अलग है कि धौनी ने पिछले 7-8 वर्षों से अपनी अगुआई में टीम इंडिया को शिखर पर पहुंचाया है पर पिछले कुछ वर्षों में विराट कोहली ने भी अंतर्राष्ट्रीय मैचों में कामयाबी हासिल की है. ऐसे में विराट कोहली का मनोबल 7वें आसमान पर है. धौनी अब अपने ही मकड़जाल में फंसते नजर आ रहे हैं. एक दौर में धौनी ने सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण को टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया था, अब कहीं ऐसा न हो कि धौनी को ही बाहर का रास्ता दिखा दिया जाए. हालांकि कैप्टन कूल कहे जाने वाले धौनी अब अपना आपा खोते नजर आ रहे हैं जैसा कि बंगलादेश के साथ खेलते हुए धौनी ने पहले ही एकदिवसीय मैच में युवा गेंदबाज मुस्ताफीजुर रहमान को धक्का दिया. हमेशा विपरीत परिस्थितियों के दौरान टीम इंडिया को उबारने वाले धौनी खुद अपनी परिस्थितियों से कैसे उबर पाते हैं, यह देखने वाली बात होगी.

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