शेयर बाजार में लुढ़कन का दौर थम नहीं रहा है. राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय परिस्थितियां उस की वजह हैं लेकिन सब से बड़ी वजह रुपए में निरंतर गिरावट का माहौल रहा और 18 जून को तो रुपया डौलर के मुकाबले 58.77 रुपए के रिकौर्ड निम्न स्तर पर पहुंच गया. उस से बाजार की चिंता बढ़ गई और पहले से ही डांवांडोल बाजार 103 अंक लुढ़क गया. उस से पहले दिन?रुपया 110 पैसे गिरा था. उस से पहले पिछले वर्ष 22 जून को रुपया डौलर के मुकाबले 58.33 रुपए के रिकौर्ड स्तर पर पहुंचा था. रुपए के कमजोर होेने से मुद्रास्फीति की दर 3 साल के निचले?स्तर 4.7 प्रतिशत पर पहुंच गई है.

मुद्रास्फीति का असर बाजार में भी देखने को मिला और बौंबे स्टौक ऐक्सचैंज यानी बीएसई का सूचकांक 14 जून को 351 अंक चढ़ गया. उस दिन रुपए की स्थिति में भी कुछ सुधार हुआ जिस का सकारात्मक असर बाजार पर देखने को मिला लेकिन ब्याज दरों के?स्तर पर रिजर्व बैंक के निराशाजनक फैसले से बाजार में फिर मायूसी आ गई और सूचकांक में गिरावट दर्ज की गई.

जानकारों का कहना है कि मानसून के समय से पहले आने के कारण मची तबाही और रुपए में स्थिरता के लिए ठोस उपाय नहीं किए जाने के चलते बाजार में फिलहाल गिरावट का दौर जारी रह सकता है, हालांकि अगले चुनाव तक सरकार की स्थिरता का अनुमान बाजार में तेजी ला सकता है.

 

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