जुलाई की शुरुआत बंबई शेयर बाजार यानी बीएसई में अच्छे माहौल में हुई. माह के पहले दिन बाजार में तेजी का रुख रहा और सूचकांक 182 अंक चढ़ कर 1 माह के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया. जून के आखिरी सप्ताह में भी तेजी रही लेकिन रुपए के लगातार कमजोर होने से निवेशकों में ऊहापोह का माहौल था. 5 जुलाई को भी बाजार तेजी पर बंद हुआ.

डौलर के मुकाबले लगातार कमजोर पड़ रहा रुपया 60 रुपए प्रति डौलर के स्तर को पार कर गया है. वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने रुपए की स्थिति में सुधार का आश्वासन दिया है लेकिन इस के बावजूद रुपया स्थिर नहीं हो रहा है. उन्होंने राजकोषीय घाटे और चालू खाते पर भी अंकुश लगाने और जल्द ही ब्याज दरों में कमी लाने की बात की है लेकिन बाजार में फिलहाल इस का असर देखने को नहीं मिल रहा है.

विदेशी फंड की लिवाली के दम पर जून के आखिरी और जुलाई के शुरुआती सप्ताह में बाजार में तेजी रही लेकिन जानकारों का कहना है कि आने वाले दिनों में उस की चाल कंपनियों के तिमाही परिणाम और महंगाई के आंकड़े पर निर्भर करेगी. अमेरिका में फेड रिजर्व की गति भी बाजार की चाल को प्रभावित करेगी. फेड रिजर्व की स्थिति में सुधार हो रहा है. जून में फेड के रोजगार संबंधी आंकड़े में जबरदस्त सुधार हुआ था. उसे देखते हुए उम्मीद की जा रही है कि अमेरिकी सरकार राहत पैकेज वापस लेने पर विचार कर सकती है. इस का भारतीय बाजार पर अच्छा असर देखने को मिलेगा.

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