शेयर बाजार ने 9 दिसंबर को 230 अंकों की उछाल के साथ रिकौर्ड बनाया और बौंबे स्टौक एक्सचेंज यानी बीएसई का संवेदी सूचकांक 21327 अंक तक पहुंच गया. इस की बड़ी वजह विधानसभा चुनावों में भाजपा की जीत को माना गया है.

भाजपा पर निवेशकों के विश्वास की वजह जो भी रही हो लेकिन यह तय है कि मतगणना के बाद भाजपा की जीत से पहले जब टीवी चैनलों पर एक्जिट पोल प्रसारित हो रहे थे तो उस का सीधा असर बाजार पर पड़ा और सूचकांक में भारी उछाल आया. बाद में बाजार लगातार 6 सत्र की गिरावट के बाद 19 दिसंबर को उछल गया. इस के पहले 6 दिन तक बाजार में गिरावट का माहौल रहा. इस की वजह महंगाई के 14 माह के उच्च स्तर पर पहुंचने और अमेरिका में फेड रिजर्व में प्रोत्साहन पैकेज में कटौती की खबर रही. इस के अलावा इसी दौरान संयुक्त राष्ट्र ने भारत के आर्थिक विकास का पूर्वानुमान 2013 के लिए घटा कर 4.8 प्रतिशत लगाया है. इसी दौरान बैंक कर्मचारियों की हड़ताल हुई जिस के कारण बैंकिंग क्षेत्र के शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई.

रिजर्व बैंक ने भी अपनी नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया है जबकि उम्मीद थी कि मौद्रिक समीक्षा में ऋण ब्याज दर में कटौती होगी और घर का सपना पूरा करने के लिए ऋण लेने वाले लोगों को कुछ राहत मिलेगी.

 

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