विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक, आर्थिक सहयोग और विकास संगठन के भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर के चीन से आगे रहने के अनुमान और कंपनियों के तिमाही परिणाम संतोषजनक रहने के बावजूद शेयर बाजार में अप्रैल के दूसरे सप्ताह की शुरुआत कमजोर रही. अप्रैल 17 को समाप्त सप्ताह के दौरान बंबई शेयर बाजार के सूचकांक की 2 सप्ताह की तेजी को करारा झटका लगा. ऐसा लगता है कि निवेशकों को इस तरह के अनुमानों पर ज्यादा भरोसा नहीं है और देश की कंपनियों के तिमाही परिणाम को निवेश का आधार माना जा रहा है. 2 सप्ताह के दौरान बाजार लगातार 3 दिन गिरावट पर बंद हुआ और 2 सप्ताह में यह बाजार का सब से खराब प्रदर्शन रहा. इस अवधि में विदेशी मुद्रा भंडार भी लगातार 3 सप्ताह की तेजी के बाद 2.592 अरब डौलर तक लुढ़क गया. खुदरा बाजार में मुद्रास्फीति की दर में भी गिरावट रही और यह 3 माह के निचले स्तर पर आ गया.

अंतर्राष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी मूडीज के अनुसार, भारत की विकास दर इस साल पिछले वर्ष की तुलना में बढ़ेगी, हालांकि यह बढ़त मामूली ही रहेगी. चीन की आर्थिक विकास दर घटने के अनुमान के कारण निवेशकों का बाजार पर भरोसा टिका हुआ है. कुछ कंपनियों के तिमाही परिणाम भी अच्छे रहे और इन्हीं परिणामों पर ही बाजार का विश्वास टिका रहा.

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