भारतीय बैंक ने हाल ही में नीतिगत दरों में भले ही कोई बड़ा बदलाव न किया हो, लेकिन सस्ते होम लोन से लेकर होम लोन ट्रांसफर कराने तक की खास सुविधाओं के लिए बैंकों की ओर से की जाने वाली तमाम फोन कॉल्स आपके पास भी आती होंगी.

लोन देने के दौरान बैंकों का रवैया भले ही ठीक रहता हो लेकिन लोन की ईएमआई शुरू होने के बाद ग्राहक बैंकों के रवैए से परेशान होने लग जाते हैं. बैंक दरें एवं शुल्क बढ़ा देना इसकी प्रमुख वजह हो सकता है. ऐसे में होम लोन को पोर्ट कराना आपके लिए एक बेहतर विकल्प हो सकता है. हम यहां आपको होन लोन पोर्टेबिलिटी के बारे में ही बताने जा रहे हैं, जिससे आप अपनी ईएमआई का बोझ भी कर कर सकते हैं.

होम लोन को पोर्ट करना है काफी आसान -

होम लोन पोर्ट करवाना कभी कभी फायदेमंद भी रहता है क्योंकि ऐसा करने होम लोन की ईएमआई का बोझ कम होने की संभावना बढ़ जाती है. यह बैंकों की अलग-अलग ब्याज दरों और अन्य सहूलियतों के कारण होता है. होम लोन को एक बैंक से दूसरे बैंक में शिफ्ट करवाने यानी पोर्ट करवाने की प्रक्रिया काफी आसान कर दी गई है.

ये है प्रक्रिया :  लोन शिफ्ट करवाने के लिए सबसे पहले आपको उस बैंक में आवेदन करना होगा जहां से आपने लोन ले रखा है. आवेदन करने के बाद बैंक आपको एनओसी (NOC) और एक स्टेटमेंट इश्यू करेगा. इस स्टेटमेंट में आपके ऊपर लोन की बकाया राशि का विवरण होगा. फिर आप जिस बैंक में लोन ट्रांसफर करवा रहे हैं उस बैंक में एनओसी जमा करेंगे. इसके बाद वह बैंक लोन की राशि पुराने बैंक को ट्रांसफर करेगा और पुराने बैंक में आपका एकाउंट क्लोज कर दिया जाएगा. इसके साथ ही आपका उस बैंक में दिया हुआ पोस्टज डेटेड चेक/ईसीएस रद्द हो जाएगा.

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