सरकार गरीबों की उन्नति के लिए योजना का जिस बारीकी से खाका तैयार करती है उसे देख कर लगता है कि सचमुच जल्द ही देश से गरीबी का उन्मूलन हो जाएगा और हमारा हर नागरिक आने वाले दिनों में संपन्नता में जिएगा. आजादी के बाद से ही सरकारें इस तरह का खाका तैयार करती रही हैं और समयसमय पर फिर उन्हीं को और बेहतर बनाने के लिए संशोधन किए जाते रहे हैं. केंद्र में आने वाली प्रत्येक सरकार हर बार नई योजना ले कर आती है और लोगों को लुभाने का प्रयास करती है लेकिन सही बात यह है कि गरीब की हालत में कभी सुधार नहीं हुआ. इस की बड़ी वजह है कि नेता वोट के लिए गरीबी मिटाने के नारे तो देते हैं और सरकारी तंत्र के बाबू सत्ता में आई पार्टी को खुश करने के लिए बेहतर और लुभावना खाका तो बनाते हैं लेकिन उसे इस तरह से क्रियान्वित करते हैं कि योजना भी बंद नहीं हो और गरीब को भी कुछ ठोस हासिल नहीं होने पाए बल्कि उस में लगातार आशा का संचार होता रहे. योजना चलती रहे और आंकड़े बढ़ते रहें लेकिन जमीनी स्थिति में सुधार नहीं होने पाए.

हाल ही में एक खबर आई है कि सरकार गरीबों को सस्ती दवा उपलब्ध कराने के लिए जन औषधि केंद्र खोल रही है. चालू वित्त वर्ष में उस की 3 हजार ऐसे केंद्र खोलने की योजना है. निजी और सरकारी दोनों तरह से खुल रहे 3 हजार स्टोर पर गरीबों को सस्ती दवाएं मिलेंगी. यह खबर भी बहुत अच्छी है और इसे पढ़ कर गरीबों को लगता है कि उन के लिए सरकार ने खजाना खोल दिया है लेकिन इन गरीबों में से 99 फीसदी जानते हैं कि आने वाले समय में यह औषधि केंद्र भी सफेद हाथी साबित होंगे. उन्हें मालूम है कि सरकारी अस्पतालों में गरीबों के लिए निशुल्क दवा की व्यवस्था है. असलियत यह है कि इन सरकारी अस्पतालों में पहले तो डाक्टर नहीं होते हैं और जिला मुख्यालय स्तर पर यदि कोई डाक्टर मिल भी जाए तो उस की लिखी दवा मरीज को अस्पताल में मिलती नहीं है. एकाध टैबलेट दे कर खानापूर्ति जरूर की जाती है. इस से सरकारी अस्पतालों में गरीब को निशुल्क दवा देने वाले रजिस्टर में आंकड़ों की बाजीगरी खूब चमकती है. इस से सरकारी आंकड़ा तो बढ़ जाता है लेकिन गरीब ठीक नहीं हो पाता है. कारण, दवा नकली होती है. सरकारी औषधालय तो हर गांव में खुले हैं लेकिन वहां ताले जड़े रहते हैं. यहां तक कि ब्लौक स्तर पर भी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र काम नहीं करते हैं. जिला मुख्यालयों में थोड़ीबहुत सुविधा होती है. उम्मीद की जानी चाहिए कि सरकार की यह लुभावनी योजना गरीबों में नई आशा का संचार करेगी और उन्हें सचमुच इन स्टोरों पर सस्ती दवा मिल सकेगी.

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