शेयर बाजार का सूचकांक 28 हजार अंक को पार कर गया. उस के बाद भी ऊंचाई का रिकौर्ड लगातार बन रहा है. सरकार के ईंधन पर आयात शुल्क बढ़ाने की घोषणा के बाद बाजार नवंबर के दूसरे पखवाड़े की शुरुआत में 64 अंक गिर गया और फिर 28 हजार से नीचे उतर गया. हालांकि महंगाई की दर में लगातार गिरावट, औद्योगिक विकास के आंकड़े के 3 माह के उच्च स्तर पर पहुंचने, विश्व व्यापार संगठन में खास सब्सिडी के मसले पर अमेरिका के साथ समझौता होने और वित्त मंत्री अरुण जेटली के सुधार कार्यक्रमों में और तेजी लाने की घोषणा की वजह से निवेशकों में सकारात्मक रुख देखने को मिला और 19 नवंबर को मुनाफाखोरी तथा वैश्विक स्तर पर कमजोर संकेतों के कारण लगभग 2 सप्ताह की तेजी के बाद बाजार 129 अंक की गिरावट के साथ 28 हजार अंक के स्तर से नीचे लौट आया. बाजार में गिरावट का यह सिलसिला अगले कारोबारी सत्र में भी रहा.

आर्थिक विकास दर के अच्छे रहने के संकेतों के कारण फिर मामूली बढ़त के साथ 28 हजार के स्तर को पार कर गया. लेकिन 21 नवंबर को समाप्त सप्ताह के आखिरी कारोबार दिवस को बाजार फिर 265 अंक की लंबी छलांग लगा गया. मंत्रिमंडल के दक्षिण एशिया क्षेत्रीय सहयोग संघ यानी दक्षेस देशों के साथ संपर्क बढ़ाने तथा देश के हर गांव व हर शहर को 24 घंटे बिजली सुविधा देने की सरकार की योजना का खुलासा होने के बाद बाजार में उत्साह बढ़ा और सूचकांक ने फिर नया रिकौर्ड कायम कर लिया.

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