दरों में कटौती से नई ऊंचाई पर बाजार

रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने करीब पौने  2 साल बाद 15 जनवरी को ब्याज दरों में कटौती कर के अर्थव्यवस्था में सुधार की दौड़ के बीच कर्जदारों को जो राहत दी उस ने बाजार का माहौल एक झटके में बदल दिया. बौंबे स्टौक एक्सचेंज यानी बीएसई का सूचकांक एक दिन में 729 अंक बढ़ गया. 5 साल में सूचकांक की 1 दिन की यह सब से ऊंची छलांग रही. गवर्नर ने रेपो दर यानी रिजर्व बैंक द्वारा बैंकों को दिए जाने वाले कर्ज की दर 0.25 अंक घटा कर 7.75 प्रतिशत कर दी है. इस से पहले ब्याज दरें मई-2013 में घटाई गई थीं. ब्याज दरों में कटौती से निवेश के और बढ़ने की उम्मीद की जा रही है. राजन ने कहा है कि वित्तीय हालात यदि इसी तरह सकारात्मक रहते हैं तो साल के अंत तक ब्याज दर 7 प्रतिशत तक की जा सकती है. इसी बीच, विश्व मुद्रा कोष यानी आईएमएफ ने कहा कि 2016 में चीन को पछाड़ कर भारत दुनिया की सब से बड़ी अर्थव्यवस्था बन कर उभरेगा. इस से भी बाजार का उत्साह बढ़ा और सूचकांक नए रिकौर्ड तक पहुंच गया.

बाजार के जानकार मानते हैं कि ब्याज दरों में अगली कटौती आम बजट के पेश किए जाने के बाद ही की जा सकेगी. ताजा कटौती से शेयर बाजार में जो उछाल आया है उस के कारण बाजार 2 माह के दौरान 16 जनवरी को सर्वाधिक साप्ताहिक ऊंचाई पर रहा. इस से 3 दिन पहले सूचकांक लगातार 3 दिन तक तेजी पर बंद हुआ. ब्याज दरों में कटौती का बैंकों ने भी जोरदार स्वागत किया और सरकारी क्षेत्र के यूनाइटेड बैंक औफ इंडिया तथा यूनियन बैंक ने तत्काल ब्याज दरों में कटौती कर दी. माना जा रहा है कि ब्याज दरों में कटौती से कर्ज की मांग बढ़ेगी और इस का सीधा फायदा आटो तथा रियल एस्टेट क्षेत्र को होगा. रुपया अच्छी स्थिति में नहीं है जबकि महंगाई की दर लगातार कम हो रही है. तेल की कीमत विश्व बाजार में 6 साल के निचले स्तर पर है. सरकार इन स्थितियों का फायदा उठा कर वित्तीय लक्ष्य को हासिल करना चाहती है और इस अनुकूल माहौल से शेयर बाजार को लाभ होगा. नतीजतन, बाजार में निवेश का प्रवाह बढ़ेगा.

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