एटीएम के इस्तेमाल तथा सेविंग बैंक के खातों में जमा न्यूनतम राशि को ले कर बैंकों ने नियमों में बदलाव किया है. इन बदलावों की खबरें समाचार माध्यमों में तो आईं लेकिन शायद वे सभी ग्राहकों तक नहीं पहुंचीं जिस से बैंक के ग्राहकों में भ्रम की स्थिति है.

बैंकों को इस भ्रम को दूर करने के लिए ग्राहकों को सूचना देनी चाहिए थी लेकिन मोबाइल, मेल या डाक द्वारा ग्राहकों को नियमों में बदलाव की सूचना नहीं दी गई. बैंक ग्राहक का कितना पैसा किस लेनेदेन पर काटता है, उस की ग्राहक को स्पष्ट सूचना नहीं दी जाती है जिस से ग्राहकों में हमेशा भ्रम की स्थिति बनी रहती है. इस भ्रम को दूर करने के लिए रिजर्व बैंक ने देश के सभी बैंकों को ग्राहकों की पासबुक पर उन के खाते से हुए लेनदेन का स्पष्ट विवरण लिखने को कहा है.

नए नियम के तहत बैंकों को लेनदेन का पर्याप्त और स्पष्ट विवरण ग्राहकों को उपलब्ध कराना है. नई नियमावली के तहत लेनदेन करने वाले का नाम, लेनदेन किस तरीके से किया गया, इस में कितना शुल्क बैंक ने लिया है या जुर्माना लगाया आदि मदों में काटे गए सभी विवरण स्पष्ट रूप से ग्राहक की पासबुक में प्रिंट किए जाने की हिदायत बैंकों को दी गई.

बैंक पहले यह सूचना देने के गूढ़ तथा जटिल तरीके अपनाते थे जो ग्राहक की समझ में नहीं आते थे. इस का सीधा फायदा बैंक उठाते थे. बैंक सामान्य व्यक्ति की बात आसानी से सुनते भी नहीं हैं. कुछ बैंक सामान्य शिकायतों के लिए बेहद जटिल रास्ते बताते हैं जिन की वजह से ग्राहक बैंकों की मनमानी पर चुप्पी साधना ही बेहतर समझते हैं.

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