देश में हवाई यातायात को कम दर पर उपलब्ध कराने के लिए इस क्षेत्र को लोकप्रियता मिल रही है. उच्च वर्ग का यह हवाई सफर अब धीरेधीरे आम आदमी की पहुंच के करीब आ रहा है. इस के बावजूद यह सफर हमारी 99.5 फीसदी आबादी के लिए अब भी सपना बना हुआ है. बहरहाल धीरेधीरे आम आदमी का हवाई यात्रा करने का सपना पूरा हो रहा है और हवाई सेवा का लाभ लेने के लोगों के इसी उत्साह के कारण सर्वेक्षण बता रहे हैं कि एक डेढ़ दशक में हमारी विमानन सेवा दुनिया में शीर्ष स्थान पर होगी.
भारतीय वाणिज्य उद्योग मंडल यानी फिक्की और वैश्विक स्तर की कंसलटेंसी कंपनी केपीएमजी की हाल में जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2030 तक भारतीय विमान क्षेत्र दुनिया में पहले नंबर पर होगा. रिपोर्ट के अनुसार, 2020 तक हमारा यह क्षेत्र दुनिया में तीसरे स्थान पर होगा. वर्तमान में करीब 1 लाख करोड़ रुपए के कारोबार के साथ भारतीय विमानन उद्योग दुनिया के शीर्ष 10 विमानन क्षेत्रों में शामिल है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में अगली पीढ़ी का विमानन उद्योग घरेलू स्तर पर क्षेत्रीय सेवाओं को मजबूत बनाने के लिए काम कर रहा है. इस के लिए क्षेत्रीय हवाई अड्डों को सुदृढ़ बनाया जा रहा है. फिलहाल हमारे पास 450 हवाई अड्डे हैं. इन में कुछ संचालन में हैं, कुछ उपयोग में नहीं हैं और कुछ परित्यक्त भी हैं.
विमान उद्योग के बढ़ते दबाव को देखते हुए विमान प्राधिकरण बेकार पड़े विमानन अड्डों को प्रयोग में लाने की दिशा में काम कर सकता है. हवाई यातायात में बढ़ोतरी समय की मांग बन गई है और आज की भागमभाग जिंदगी में लोगों के पास समय नहीं है. नए समीकरणों को देखते हुए उम्मीद की जा सकती है कि एक विकासशील देश जल्द ही इस दिशा में न सिर्फ दुनिया का सिरमौर बनेगा बल्कि अपने नागरिकों के सपने भी पूरे करेगा.

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