‘राउडी राठौड़’ और ‘वांटेड’ जैसी हिट फिल्में देने वाले दक्षिण भारत के निर्देशक प्रभुदेवा ने इस बार लंबे समय से फिल्मों में असफल हो रहे शाहिद कपूर पर अपना दांव खेला है. प्रभुदेवा को उम्मीद थी कि एक बार फिर वह जीत की हैट्रिक बनाएगा मगर अफसोस, प्रभुदेवा का यह लंगड़ा घोड़ा फिल्म ‘आर राजकुमार’ में भाग नहीं सका है.

शाहिद कपूर ने इस फिल्म में जम कर डांस किए हैं. सुपरहीरो बनने की कोशिश की है, खूब ऐक्शन किया है, हीरोइन को पटाने के लिए छिछोरी हरकतें की हैं, पर वह जम नहीं पाया है. फिल्म में उस का लुक एक फटीचर, दढि़यल, पतलेदुबले, मरियल से लड़के का है. उसे इतना नाटकीय दिखाया गया है कि वह अकेले ही 100-100 गुंडों का सफाया कर देता है, बारबार मरणासन्न हो कर भी उठ खड़ा होता है और एक ही घूंसे से विलेन को मार डालता है.

प्रभुदेवा ने इस फिल्म को 70-80 के दशक की फिल्मों जैसा बनाया है. मनमोहन देसाई ने इस तरह की फिल्में खूब बनाई हैं. फिल्म की कहानी, पटकथा खुद प्रभुदेवा ने लिखी है. कहानी का आलम तो यह है कि आप ढूंढ़ते रह जाओगे कि कहानी है क्या. फिर भी हम आप को बता देते हैं. राजकुमार उर्फ रोमियो (शाहिद कपूर) धरतीपुर नाम के एक काल्पनिक गांव में आता है, जहां शिवराज (सोनू सूद) और परमार (आशीष विद्यार्थी) अफीम की खेती करते हैं और उस की तस्करी करते हैं. रोमियो शिवराज का माल लुटने से बचा कर उस का विश्वासपात्र बन जाता है. एक दिन रोमियो, परमार की भतीजी चंदा (सोनाक्षी सिन्हा) को देखता है तो उस पर लट्टू हो जाता है. दोनों में प्यार हो जाता है. इधर शिवराज चंदा के साथ शादी करने के लिए परमार से हाथ मिला लेता है. अब शिवराज और रोमियो के बीच दुश्मनी हो जाती है. शिवराज के गुंडे रोमियो को मार डालना चाहते हैं परंतु रोमियो अकेले ही शिवराज और उस के गुंडों को मार कर चंदा का हाथ थाम लेता है.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...