देशभक्ति व एक्शन के नाम पर बेसिरपैर की कहानी परोसकर दर्शकों को मूर्ख नहीं बनाया जा सकता, यह बात फिल्म ‘‘फोर्स 2’’ के बाक्स आफिस आंकड़े साबित कर देंगे. कई भारतीय व विदेशी फिल्मों का मिश्रण कर बनाया गया चूं चूं का मुरब्बा है- ‘‘फोर्स 2’’. देशभक्ति के नाम पर यह बदले की भावना से ग्रसित इंसान की कहानी है.

फिल्म की कहानी मुंबई पुलिस के जांबाज एसीपी यश (जान अब्राहम) और भारतीय रॉ एजेंसी में कार्यरत एजेंट कमलजीत कौर उर्फ के के (सोनाक्षी सिन्हा) के इर्द गिर्द घूमती है. चीन में भारत के बीस रॉ एजेंट कार्यरत हैं. पर अचानक तीन रॉ एजेंटों की हत्या से सनसनी फैल जाती है. इन तीन में से एक रॉ एजेंट यश का दोस्त है. वह एक किताब को कूरियर कर यशवंत के पास बहुत गुप्त जानकारी भेजता है. जिसके चलते रॉ प्रमुख (नरेंद्र झा), यश को के के साथ चीन भेजते हैं कि वह उस इंसान को पकड़कर लाए, जो भारतीय रॉ एजेंटों की पहचान चीन के सरकारी लोगों को दे रहा है.

यश की जानकारी के अनुसार वह देशद्रोही बुडापेस्ट में है. इसलिए यश और के के बुडापेस्ट पहुंचते हैं. वहां भारतीय दूतावास में कार्यरत लोगों की जांच पड़ताल करने पर के के को तीन लोगों पर शक होता है. पर यश को शिव शर्मा (ताहिर राज भसीन) पर शक होता है. अंततः यश का यह सच सही निकलता है. फिर शुरू होता हैं, के के व यश तथा शिव शर्मा के बीच चूहे बिल्ली का खेल.

अंत में पता चलता है कि शिव शर्मा का असली नाम रूद्र प्रताप सिंह है, जो कि करण सिंह (बोमन ईरानी) का बेटा है. करण सिंह कभी रॉ एजेंट के रूप में चीन में कार्यरत थे. पर एक दिन भारत सरकार ने उनसे अपना पल्ला झाड़ते हुए उन्हे देशद्रोही कह दिया था. जिस कैबिनेट सेक्रेटरी ने बयान दिया था कि करण सिंह देशद्रोही है, वह कैबिनेट सेक्रेटरी ब्रिजेश वर्मा (आदिल हुसेन) अब एचआरडी मंत्री हैं. और रूद्र प्रताप सिंह एचआरडी मंत्री ब्रिजेश वर्मा को मारना चाहता है. एक समारोह में हिस्सा लेने ब्रिजेश वर्मा बुडापेस्ट पहुंचते हैं, वहीं शिव शर्मा उर्फ रूद्र उन्हे मारने का असफल प्रयास करता है, पर यश के हाथों मारा जाता है. उसके बाद मंत्री महोदय सभी मृत रॉ एजेंटों को सम्मान देने की घोषणा कर देते हैं.

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