एनएच-10

हमारे देश के कई हिस्सों, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में औनर किलिंग की घटनाएं देखने को मिल जाती हैं. इन इलाकों में पंचायतें ही सर्वेसर्वा होती हैं, जो अपना तुगलकी फरमान सुना कर एक ही गोत्र के लड़केलड़की को प्यार करने की सजा के बदले उन्हें मौत के घाट उतारने की सजा सुनाती हैं. पुलिस भी इन पंचायतों के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाती, उलटे वह इस कुकृत्य का समर्थन करती है. इन ग्रामीण इलाकों में औरतों को लातघूंसों से मारा जाता है और उन्हें ‘रांड’ कहा जाता है. फिल्म ‘एनएच-10’ में औनर किलिंग की इसी भयावहता को दिखाया गया है. फिल्म निर्मात्री अनुष्का शर्मा ने इस ज्वलंत मुद्दे पर फिल्म बना कर और उस में एक बहादुर लड़की का किरदार निभा कर दर्शकों की वाहवाही बटोरी है. अब तक उस के और क्रिकेट खिलाड़ी विराट कोहली के रोमांस के चर्चे चटखारे लेले कर सुनेसुनाए जाते थे. लेकिन अब उस ने ‘मैरी कौम’ की प्रियंका चोपड़ा की तर्ज पर एनएच-10 में साहसी भूमिका निभा कर यह साबित कर दिया है कि अभिनय के मामले में वह भी किसी से कम नहीं है.

अनुष्का शर्मा के लिए यह रोल काफी चैलेंजिंग था. इस रोल को करने के लिए वह 11-11 घंटे तक हाईवे पर दौड़ कर प्रैक्टिस करती रही. फिल्म ‘एनएच-10’ की कहानी दिल्ली, गुड़गांव, हरियाणा के आसपास के हाईवे पर घटी सच्ची घटनाओं पर आधारित है. फिल्म की यह कहानी महिलाओं के साहस की बात करती है. फिल्म अंत तक दर्शकों को बांधे रखती है.

कहानी मीरा (अनुष्का शर्मा) और उस के पति अर्जुन (नील भूपलम) की है. एक रात को वे दोनों एनएच-10 पर अपनी कार में जा रहे होते हैं. रास्ते में वे एक ढाबे पर खाना खाने के लिए रुकते हैं, जहां उन की मुलाकात औनर किलिंग करने वाले कुछ लोगों के साथ होती है. वे जबरन एक युवती और उस के पति को उठा कर ले जाते हैं. अर्जुन से यह सब देखा नहीं जाता. वह मीरा के साथ अपनी कार उन की कार के पीछे लगा देता है. थोड़ी दूर जाने पर वह देखता है कि वे लोग उस युवक और युवती की बेरहमी से हत्या कर देते हैं. तभी उन सब की नजर मीरा और अर्जुन पर पड़ती है. मीरा और अर्जुन अपनी जान बचाने के लिए हाईवे पर दौड़ पड़ते हैं. हत्यारे उन के पीछे लग जाते हैं. अर्जुन बुरी तरह जख्मी हो जाता है. रात के अंधेरे में मीरा अर्जुन को एक पुल के नीचे छिपा कर पुलिस थाने पहुंचती है, जहां उसे पता चलता है कि पुलिस भी उन हत्यारों से मिली हुई है. फिर वह गांव की सरपंच (दीप्ती नवल) के घर पहुंचती है परंतु सरपंच उसे कमरे में बंद कर देती है.

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