एक सेलेब्रिटी और उसके फैन के बीच क्या रिश्ता होना चाहिए, इसी बात को समझाने के लिए निर्माता आदित्य चोपड़ा और निर्देशक  मनीष शर्मा फिल्म ‘‘फैन’’ लेकर आए हैं, जिसमें मुख्य भूमिका में शाहरुख खान हैं. शाहरुख खान ने इस फिल्म में ही फिल्मों के सुपर स्टार आर्यन खन्ना और उस के फैन यानी कि गौरव चानना की दोहरी भूमिका निभायी है. यूं तो गौरव चानना के किरदार में जान फूंकने में शाहरुख खान सफल रहे हैं, मगर फिल्म को बाक्स आफिस पर कामयाबी मिल जाएगी, ऐसा नही लगता. सुपर स्टार आर्यन के किरदार में अपने अभिनय की छाप छोड़ने में शाहरुख असफल रहे हैं.

पिछले दिनों शाहरुख खान ने कहा था कि उनकी फिल्म ‘फैन’ एक संदेशपरक फिल्म है, तो यह सच है. उनकी फिल्म ‘फैन’ हर दर्शक को संदेश देती है कि वह इस मुगालते में कभी न रहे कि वह जिस सुपर स्टार का फैन है, वह सुपर स्टार कभी उसे अपनी जिंदगी का पांच सेकंड भी देगा. सुपर स्टार कहने के लिए कहता है, ‘मैं जो  कुछ हूं अपने फैन की वजह से हूं.’ पर हर सुपर स्टार मानकर चलता है कि वह जिस मुकाम पर पहुंचा है, उसके पीछे उसकी मेहनत, उसकी किस्मत के साथ साथ उसका सनकी होना शामिल है. अन्यथा वह भी उसी मिट्टी का है, जिस मिट्टी का वह फैन है. हकीकत में कोई भी स्टार अपनी सफलता का श्रेय अपने फैन को नहीं देता.

फिल्म को बाक्स आफिस पर कामयाबी न मिल पाने की कई वजहे हैं. फिल्म के पात्र जरुरत से ज्यादा बनावटी लगते हैं. सुपरस्टार और उसका फैन इस फिल्म में जो कुछ करता है, वह तो लेखक व निर्देशक की दिमागी कल्पना की पराकाष्ठा है. तीसरी वजह फिल्म का नकारात्मक रवैया व सोच. एक सफल इंसान अपने फैन को अपनी सफलता का श्रेय दे न या दे, मगर वह आर्यन खन्ना की तरह अपने ‘सुपर स्टार’ की शक्ति व पैसे के बल पर अपने फैन को पुलिस के हाथों पिटवाकर उसे अपराधिक प्रवृत्ति का नहीं बनाएगा. सुपर स्टार की मंत्र मुग्धता तो देखिए, वह फैन भी अपनी शक्ल सूरत वाला ही चुनता है. परिणामतः कहानी में खोखलापन भर जाता है. पर फिल्मकार यही कहेंगे कि यह तो सिनेमा है, हकीकत नहीं.

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