त्रिकोणीय प्रेम कहानी वाली फिल्म ‘‘डायरेक्ट इश्क’’ में रोमांस की बजाय बेवजह के कॉमेडी सीन के साथ एक्शन की बहुतायत है.

बनारस शहर की इस एक्शन प्रधान रोमांटिक कहानी के केंद्र में तीन मुख्य पात्र हैं. डाली पांडे (निधि सुबैया), विक्की शुक्ला (रजनीश दुग्गल) और कबीर (अर्जुन बिजलानी). डाली पांडे एक उभरती हुई गायक है. वह गंगा के घाट पर गंगा आरती भी गाती है. उसकी तमन्ना संगीत जगत में एक बड़ा मुकाम हासिल करना है. निडर डाली पांडे मनचले लड़कों की पिटायी करने से नहीं हिचकिचाती है. विक्की शुक्ला स्थानीय गुंडा है. काशी हिंदू विश्व विद्यालय के छात्रसंघ के चुनाव में ठाकुर (हेमंत पांडे) को हराकर अध्यक्ष बन जाता है. जबकि मूलतःबनारस का ही कबीर मुंबई में निखिल बजाज के साथ एक बड़ी इवेंट कंपनी चलाता है और म्यूजिक कंसर्ट आयोजित करता है.

बनारस में रह रही कबीर की दादी उसकी शादी के लिए परेशान है. दादी के बुलावे पर कबीर बनारस आता है. एक लड़की को नापसंद करने के बाद वह दादी से कहता है कि मुंबई में उसकी गर्ल फ्रेंड है. दादी कबीर की गर्ल फ्रेंड से मिलना चाहती है, इसलिए वह डाली पांडे को मुंबई में बहुत बड़ी गायक बनने का मौका देने का वादा कर अपनी दादी से अपनी गर्ल फ्रेंड के तौर पर मिलवा देता है. फिर कबीर व डाली की मुलाकातें होने लगती हैं. उधर एक दिन विक्की शुक्ला की मुलाकात डाली पांडे से हो जाती है और वह उससे प्यार कर बैठता है. अब विक्की शुक्ला, डाली से शादी करना चाहता है. पर डाली, विक्की से शादी करने से मना कर देरती है. कबीर, डाली को लेकर मुंबई पहुंचता है और संगीत का एक बहुत बड़ा शो आयोजित करता है. पर तभी निखिल बजाज की प्रेमिका की वजह से निखिल व कबीर अलग हो जाते हैं.

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