जिन दर्शकों ने माधुरी दीक्षित को ‘धकधक करने लगा... जिया...’ और ‘एक दो तीन... चार पांच छ: सात...’ गानों पर थिरकते देखा होगा या ‘हम आप के हैं कौन’ फिल्म में ‘दीदी तेरा देवर दीवाना...’ गाने पर मचलते देखा होगा, उन्हें इस फिल्म में एक नई माधुरी दिखाई देगी, जो अब प्रौढ़ावस्था की ओर बढ़ चली है. आज की युवा पीढ़ी को ‘हमरी अटरिया पे आ जा रे सांवरिया...’ जैसे शमशाद बेगम के गाए गाने पर क्लासिकल डांस करती माधुरी दीक्षित कुछ अजीब ही लगेगी. हां, प्रौढ़ हो चली पीढ़ी के दर्शक जिन्हें क्लासिकल ऐक्टिंग ज्यादा पसंद आती है, उर्दू जबान अच्छी तरह समझ लेते हैं और जिन्हें उर्दू की शेरोशायरी में मजा आता है उन्हें इस फिल्म में माधुरी का अंदाज अच्छा लगेगा.

निर्देशक अभिषेक चौबे की ‘डेढ़ इश्किया’ उस की पिछली फिल्म ‘इश्किया’ की सीक्वल है. उस की पिछली फिल्म में चालू मसाले थे, विद्या बालन के गरमागरम सैक्स सीन थे. सब से बड़ी बात फिल्म आम दर्शकों के मतलब की थी जबकि ‘डेढ़ इश्किया’ एक खास वर्ग के लिए है, उन के लिए है जिन्हें क्लासिकल मूवी देखना पसंद है. हालांकि निर्देशक ने इस फिल्म में भी अरशद वारसी और हुमा कुरैशी पर लंबे लिप टू लिप किस सीन फिल्माए हैं, फिर भी उस ने फिल्म में नवाबी माहौल बनाए रखते हुए जबरदस्ती चालू मसाले ठूंसने की कोशिश नहीं की है. उस ने माधुरी दीक्षित को 20-25 साल की युवती दिखाने की कोशिश नहीं की है, बल्कि 30-40 साल की विधवा बेगम के किरदार में दिखाया है. बड़ी उम्र की दिखाते हुए भी उस ने माधुरी को गे्रसफुल दिखाया है. उस ने माधुरी से क्लासिकल डांस भी कराए हैं.

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