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बिंब प्रतिबिंब

बदनामी का डर

अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा का सितारा बुलंदी पर है. ‘गुंडे’ और ‘कृष 3’ जैसी सुपरहिट फिल्मों में अपना जलवा बिखेर चुकी प्रियंका इन दिनों अपने इंटरनैशनल एलबम को ले कर खासी चर्चा में हैं. लेकिन इसी बीच, एक खबर ऐसी भी आई जिस को ले कर प्रियंका खफा हो गईं.

दरअसल, प्रियंका चोपड़ा के पूर्व प्रेमी असीम मर्चेंट और प्रियंका के पूर्व सेक्रैटरी प्रकाश जाजू उन की लाइफ के शुरुआती दिनों पर फिल्म बनाने की योजना बना रहे हैं. इस फिल्म में उन के और प्रकाश जाजू के विवाद को भी दिखाया जाएगा.

गौरतलब है कि प्रियंका से आर्थिक मसले पर विवाद के चलते प्रकाश जेल की हवा भी खा चुके हैं. अब उसी मसले को परदे पर उतारना प्रियंका को नागवार तो गुजरेगा ही.

 

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‘कांची’ एक स्वीट सी लड़की की लवस्टोरी है जो अकेली ही भ्रष्ट नेताओं को बेनकाब करती है. सुभाष घई की इस फिल्म में उसी की पिछली फिल्मों ‘हीरो’, ‘ताल’, ‘कर्मा’ की झलक

देखने को मिल जाएगी. दूसरी ओर ‘खलनायक’ के गाने की तर्ज पर ‘कंबल के नीचे’ गाना भी डाला गया है.

फिल्म 2 हिस्सों में है. पहला हिस्सा उत्तराखंड में फिल्माया गया है, जहां की खूबसूरत लोकेशनें, गजब की फोटोग्राफी आंखों को सुकून देती है. फिल्म का दूसरा भाग मुंबई में शूट किया गया है. इस भाग में जबरदस्त ऐक्शन, बार डांस और सभी तरह के लटकेझटके हैं. यहां कांची का दूसरा ही रूप देखने को मिलता है. जहां फिल्म के पहले भाग में कांची गांव की अल्हड़ किशोरी सी कूदतीफांदती रहती है. उस के चेहरे पर कुदरती नूर झलकता है, वहीं दूसरे भाग में वह आधुनिक रूप धर कर अपने शिकार राजनीतिबाज को अपना दीवाना बना कर उसे बेनकाब करती है, साथ ही अपने प्रेमी के हत्यारे को मौत के घाट भी उतारती है.

फिल्म की कहानी का प्रेजैंटेशन लाइवली है. कांची (मिष्ठी मुखर्जी) अपने परिवार के साथ उत्तराखंड के एक गांव में रहती है. स्वभाव से वह गरम है. हर वक्त उस के मुंह पर गालियां रहती हैं. इसीलिए घर वाले उसे सिकड़ी कहते हैं. इसी गांव में कांची के दोस्त बिंदा (कार्तिक आर्यन) की सैल्फडिफैंस एकेडमी भी है. बिंदा और कांची का परिवार उन दोनों की शादी जल्द कराना चाहते हैं. इधर, मुंबई का एक नामी बिजनैसमैन जे बी काकड़ा (ऋषि कपूर) कोशम्पा वैली में एक प्रोजैक्ट शुरू करना चाहता है. वह श्याम दादा काकड़ा (मिथुन चक्रवर्ती) का छोटा भाई है. श्याम दादा की सत्ता के गलियारे में पैठ है. कोशम्पा प्रोजैक्ट में जब बिंदा रुकावट बनता है तो श्याम दादा उसे रास्ते से हटाने का फैसला ले लेता है. उस के बेटे ऋषभ का दिल कांची पर आ जाता है. कांची के इनकार करने पर वह बिंदा की हत्या कर देता है. काकड़ा परिवार के खिलाफ गांव का कोई आदमी गवाही नहीं देता तो कांची गांव से भाग कर मुंबई चली आती है और पावरफुल काकड़ा परिवार से बदला ले कर उसे बेनकाब करती है और बिंदा के कातिल ऋषभ को मौत के घाट उतार कर वापस उत्तराखंड लौट जाती है.

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