वर्ष 1990 में महेश भट्ट द्वारा निर्देशित फिल्म ‘आशिकी’ रिलीज हुई थी. उस फिल्म के गाने बहुत चर्चित हुए थे. यह फिल्म उस की सीक्वल नहीं है. आशिकी उस फिल्म में भी थी, इस में भी है. मगर इस फिल्म की आशिकी बेहद कमजोर है, आशिक हर वक्त शराब की बोतलें गटकता रहता है. कहने को तो वह नामी गायक है लेकिन अब उस की प्रतिभा का ग्राफ ढलान पर है. वह छोटेछोटे प्रोग्रामों में परफौर्म करता है.

कहानी राहुल जयकर (आदित्य राय कपूर) नाम के एक गायक की है. वह रौकस्टार है. एक दिन एक बार में गाना गा रही युवती आरोही (श्रद्धा कपूर) पर उस की नजर पड़ती है जो उसी का गाना गा रही होती है. राहुल को आरोही का गाना पसंद आता है. वह उसे एक बड़ी सिंगर बनाने का फैसला करता है. मुंबई आ कर वह आरोही को एक म्यूजिक कंपनी के मालिक (महेश ठाकुर) से मिलवाता है. देखते ही देखते आरोही एक बैस्ट सिंगर बन जाती है. उसे बैस्ट अवार्ड्स भी मिलने लग जाते हैं. आरोही और राहुल के बारे में लोग तरहतरह की बातें करते हैं. राहुल को लगने लगता है कि वह आरोही की तरक्की में बाधा बन रहा है. वह उस से दूर चला जाता है.

आरोही से यह सब देखा नहीं जाता. वह अपना संगीत कैरियर छोड़ कर राहुल की देखभाल करने लगती है. लेकिन राहुल अपनी जान दे देता है ताकि आरोही की तरक्की में कोई बाधा न पहुंचे.

मोहित सूरी ने अपनी इस फिल्म में महेश भट्ट वाली ‘आशिकी’ की नकल करने की कोशिश की है, मगर कमजोर कहानी होने की वजह से फिल्म मार खा गई है. निर्देशक ने फिल्म के नायक को एकदम देवदास सरीखा दिखाया है जो हर वक्त शराब के नशे में धुत रहता है. वैसे तो उसे बैस्ट रौकस्टार कहा गया है लेकिन है वह बैस्ट शराबी. फिल्म का निर्देशन साधारण है. निर्देशक नायक को एक प्रेमी के रूप में स्थापित करने में असफल रहा है. श्रद्धा कपूर स्वीट लगी है.

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