‘2 स्टेट्स’, जो चेतन भगत के उपन्यास पर आधारित फिल्म है, में उत्तर भारतीय और दक्षिण भारतीय परिवार के विचारों, रहनसहन और संस्कृति के टकराव को दिखाया गया है. इसी तरह की एक फिल्म ‘एक दूजे के लिए’ कई दशक पहले आई थी, जिस में उत्तर भारतीय व दक्षिण भारतीय नायकनायिका एकदूसरे से प्यार करते हैं परंतु सांस्कृतिक टकराव के कारण इस प्रेमी जोड़े को मौत को गले लगाना पड़ जाता है.

हमारे समाज में आज भी शादीब्याह के मामलों में जाति, धर्म और क्षेत्र के बंधनों को मांबाप प्राथमिकता देते हैं. मांबाप का अपना नजरिया होता है और युवा पीढ़ी का अपना. युवा पीढ़ी तो सिर्फ प्रेम की भाषा समझती है. आज युवकयुवतियां खूब पढ़लिख कर बड़ीबड़ी नौकरियां कर रहे हैं तो जाहिर है वे अपना जीवनसाथी भी अपनी पसंद का चुन रहे हैं. इस फिल्म में इस सचाई की झलक देखने को मिलती है.

फिल्म की कहानी रियल लाइफ की लगती है. यह एक ऐसी कहानी है जो हर छोटेबड़े शहर में देखने को मिल सकती है. ऐसी कहानी कुछ टीवी धारावाहिकों में भी देखने को मिल जाती है, जैसे ‘ये हैं मोहब्बतें’. फिल्म की कहानी भले ही धीमी गति से चलती है परंतु दर्शकों को कुछ हद तक बांधे रखती है. 

फिल्म की कहानी अहमदाबाद के आईआईएम से शुरू होती है, जहां दिल्ली का एक पंजाबी मुंडा कृष (अर्जुन कपूर) आईआईटी दिल्ली से बीटेक कर के एमबीए करने पहुंचा है. उस की मुलाकात वहां एमबीए करने चेन्नई से आई युवती अनन्या (आलिया भट्ट) से होती है. दोनों में प्यार हो जाता है पर दिक्कत है शादी की. कृष का परिवार पंजाबी है तो अनन्या का तमिल. दोनों की शादी में समाज और परिवार अड़ंगा डाल सकता है, इसलिए दोनों फैसला करते हैं कि वे अपनेअपने परिवारों को एकदूसरे से मिलवाएंगे और उन्हें शादी की इजाजत देने के लिए राजी कर लेंगे, मगर भाग कर शादी नहीं करेंगे.

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